शहर क्यों नहीं होगा गंदा, न लोग सुधरे न नगरपालिका

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-डंपिंग जोन है बड़ी नहर, कल उधर आज इधर
बक्सर खबर। शहर विकास कर रहा है। तभी तो गंदगी के मामले में अपना स्थान प्रदेश में दूसरा है। होना भी चाहिए। क्योंकि लोग तो सुधरने वाले हैं नहीं। घरों में प्लास्टिक का इस्तेमाल हो रहा है। दुकानदार भी लोगों की आदत का लाभ उठा रहे हैं। पन्नी बेच रहे हैं। और कचरा फैल रहा है। रही बात नगर पालिका की। तो जब लोग नहीं सुधर रहे तो वह क्यों बदल जाए। वह तो कचरा उठाती है। यहां डंपिंग जोन है नहीं। इस लिए बड़ी नहर के कभी इस तरफ को कभी उस तरफ उड़ेल देती है।

किला मैदान के पास गंगा किनारे इतना कचरा जमा हुआ। मानो कूड़े का पहाड़ हो। मीडिया ने शोर मचाया कुछ लोगों ने। जगह बदल दी। बाइपास रोड को चुना। उधर गड्ढ़े भर गए। तो अब डीएवी स्कूल की तरफ कचरा डाल रहे हैं। बीच-बीच में किला के पास भी ऐसा करते हैं। वहीं आई टी आई मैदान के पास भी मुख्य सड़क के किनारे उसे स्टोर किया जा रहा है। मसलन जहां जगह मिली वहीं उड़ेल दो।

नगर परिषद वालों के पास भी बहाना है। कहां ले जाए यहां का कचरा। शहर में छोड़ नहीं सकते। क्योंकि उसी को हटाने के लिए उन्हें मोटी रकम मिलती है। जिससे कइयों का काम चलता है। कुल मिलाकर कचरा-कचरा के खेल में जिले के माथे पर गंदगी का दाग तो लगना ही है। इस खेल में शहर में गंदा हो रहा है और गंगा भी। क्योंकि बड़ी नहर से होकर सारा कचरा गंगा में ही जाता है।

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