‌‌अबर देखली, जबर देखली लेकिन पहिला बेर गब्बर देखली

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बक्सर खबर (माउथ मीडिया) : आज सुबह ही सुबह ब्रह्मपुर में हुई घटना से मन व्यथित था। सोच रहा था क्या किया जाए। याद आया बतकुच्चन गुरू से बात करनी चाहिए। आज उनका फोन भी नहीं आया। मैंने उसी गरज से उनको फोन मिलाया। दुआ-सलाम की औपचारिकता पुरी कर अपनी बात कहने वाला ही था। तबतक वे शुरू हो गए। का जमाना आ गया है। अरे हम अबर देखली, जबर देखली लेकिन, गब्बर के पहिला बार देखे हैं। उनकी बातें सून मैं सोचने लगा जरुर उन्हें भी हत्या के बारे में पता चल गया है।

लेकिन, उनकी अगली बात सून मेरा माथा ठनका। जाने हो गुरू अबतक हम सुने रहे। गब्बर गांव में आता रहा तो लोग दरवाजा बंद कर लेते रहें। अरे हमरा एगो मितर हैं। पेशे से कचहरी वाले हैं। उनके भी करोना धर लिया है। उ बता रहे थे, हकीम घरे रहे के बोल दिया है। बेचारे हमारा फोन किए। हाल सुनाए, रोए नहीं बाकी। कहे लगे कह रहा है दू गो गुशलखाना तोहरे घर में। अगर होगा तब घर में रहे दिया जाएगा। अब इहां शहर में भाड़ा पर छोटी चुकी दरबा लेके रहते हैं। कमरा तो दू गो है। पर गुशलखाना एकही है। उनका परेशानी सुन हम बोले गांव चले जाओ। उहां जाके उ फोन किए तो रोने लगे। हम पूछे का हुआ मनई, काहे पोका फार रहे हो।

उ जौन कहे हम सुन के अवाक रह गए गुरू। बता रहे थे, अपनी फटफटिया से गांवें गए। जइसे गांव में घूसे। गली में खेले वाला लइकन सब भागे लगा। आस-पड़ोस वाला फट-फट केवाड़ी बंद कर लिया। जब इ हाल देखे त बेचारे लोला लटकाए मुंह ढांप के अपना घरे के तरफ गए। राही में औरत सब खिड़की खोल-खोल झांक रही थी। घर में जा के लेटे। एतना में पड़ोसी के आवाज सूनाया। उ दहाड़-दहाड़ के बोल रहा था। जइसे अपना बच्चा के ना उनही के सुना रहा हो। आ गया, अपनो गांव में करोना। कवनो गली में खेले नहीं जाएगा। आज के बाद बहरा गया त हाथ-पैर तोड़ देंगे। जब इतना सुने तो रोवे लगे बेचारे। हमारा फोन किए, हम सिलेमा में गब्बर के बारे में देखा था।

लेकिन, ससुर जिंदगी में अइसन न देखे रहे न सुने रहे। गुरू इ कइसन रोग आ गवा है। बतकुच्चन गुरू की बातें सुन मेरा दिल भी पसीज गया। जिंदगी किस मोड़ पा आ गई है। मानवता शर्मसार हुई जा रही है। मैंने तय किया उन्हें दूसरा पचड़ा मैं नहीं सुनाउंगा। मैं सोच ही रहा था। तभी वे बोल पड़े रखते हैं, लेकिन, तु अइसा न करना गुरू। न तो हम केहू से का कहेंगे। हमारा सब मितर मतलबी है। मैंने उनसे कहा, आप चिंता न करें। ऐसा व्यवहार करने वालों के खिलाफ हम जरुर आवाज उठाएंगे। (माउथ मीडिया, बक्सर खबर का साप्ताहिक व्यंग कालम है। जो प्रत्येक शुक्रवार को प्रकाशित किया जाता है, आप अपने सुझाव हमें कमेंट अथवा इमेल के माध्म से भेज सकते हैं)

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