‌‌‌जेल के विचाराधीन कैदी की मौत, परिजनों ने लगाया आरोप

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-लंबे समय से थे बीमार, होती रही खानापूर्ति, नहीं मिला उपचार
बक्सर खबर। केन्द्रीय जेल में बंद विराधीन बंदी राजकुमार पंडित की शनिवार की सुबह मौत हो गई। परिजनों का आरोप है, जेल प्रशासन ने उनकी जान ली है। क्योंकि वे लंबे समय से बीमार चल रहे थे। तीन बार पटना ले जाया गया। आठ जून को भी उन्हें पटना ले जाया गया था। लेकिन, वहां से वापस बक्सर ले आया गया। नौ की रात पुन: उनकी तबीयत खराब हुई तो उन्हें सदर अस्पताल लाया गया। जहां शनिवार की सुबह उन्होंने दम तोड़ दिया। राजकुमार पंडित जिनकी उम्र 65 वर्ष थी। वे मुफस्सिल थाना के पंडितपुर गांव के निवासी थे। स्वभाव के अच्छे व्यक्ति थे और कुछ वर्ष पहले ही सेवानिवृत होकर आए थे। लेकिन, पड़ोसियों ने हत्या के एक मामले में उनका नाम डाल दिया।

पिछले डेढ़ वर्ष से जेल में थे। इस बीच उनके पेट में हर्निया की शिकायत सामने आई। अपने वकील के माध्यम से परिजनों ने कई बार जमानत की अर्जी डाली लेकिन, कानून ने भी उनकी नहीं सूनी। दूसरी तरफ उपचार के नाम पर तीन दफे मेडिकल बोर्ड से अनुमति मिलने के बाद उन्हें पटना ले जाया गया। लेकिन, खानापूर्ति कर वापस जेल पहुंचा दिया गया। यह आरोप उनके पुत्र रविशंकर ने लगाए। वे पिता का शव को लेने पोस्टमार्टम हाउस पहुंचे थे। उन्होंने कहा न तो यहां की जेल में स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध हैं न सदर अस्पताल में। सिर्फ दिखावे के लिए अधिकारी निरीक्षण करते हैं और वाहवाही लूटने के लिए सरकार दावे करती है। वहीं सामाजिक कार्यकर्ता मिथिलेश पाठक ने कहा कि किसी बीमार व्यक्ति के साथ जेल प्रशासन का यह व्यवहार निंदा के योग्य है।

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