राइजिंग सन् इंटरनेशन स्कूल ने मनाया पांचवी वार्षिक उत्सव

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बक्सर खबर: राइजिंग सन् इंटरनेशनल स्कूल ने पांचवी वार्षिक उत्सव मनाया। शुक्रवार को विद्यालय के प्रागंण में आयोजित कार्यक्रम का उद्घाटन डा. आनंद पाण्डेय, डा.मालती श्रीवास्तव, पूर्व नप चेयर मैन मोहन मिश्रा, पूर्व वार्ड सदस्य धीरज कुमार ने संयुक्त रूप से दीपप्रज्जवलित कर किया।

पर डा.पाण्डेय ने कहा कि बच्चों के बेहतर शिक्षा के लिए अभिभावक व शिक्षकों को समानांतर तालमेल होना चाहिए। किसी भी स्कूल को वहां के बच्चे विशिष्ट या खास बनाते हैं। इसके बाद की भूमिका उनके शिक्षक और शिक्षकों का नेतृत्व करने वाले प्रधानाध्यापक की होती है। स्कूल के समानांतर घर के माहौल की भी बड़ी महत्वपूर्ण भूमिका होती है, जिसमें अभिभावक एक सक्रिय भूमिका निभाते हैं। इसके अलावा बच्चों की पाठ्यपुस्तकें, कक्षा का माहौल, बच्चों को पढ़ाने वाले शिक्षकों का पढ़ाने के प्रति जज्बा और बच्चों से लगाव भी कम महत्वपूर्ण नहीं है। हर शिक्षक के काम करने का अपना तरीका होता है।

कोई रफ्तार के साथ काम करने का आदी होता है तो कोई धीरे-धीरे काम करना पंसद करता है। हर शिक्षक को अपनी क्षमता बढ़ाने और नई चीजें सीखने के लिए सदैव प्रयत्नशील रहना चाहिए। इसके लिए अपने विचारों को चुनौती देना और खुद को नये अनुभवों के लिए तैयार करना काफी मददगार होता है। वहीं डा. मालती ने कहा कि गुरू व शिष्य के बीच यह एक ऐसा संबंध है जिसमें गुरु को समर्पित होने के बाद में शिष्य पूरा जीवन उनके प्रति सिन्सियर रहता है और गुरु के प्रति परम विनय में रहकर, वह गुरु की सभी आज्ञाओं का पालन करके अंत में आध्यात्मिक सिद्धि प्राप्त करता है। इस पुस्तक में गुरु-शिष्य का आदर्श संबंध कैसा होना चाहिए, उसका सुंदर विवरण है।

आज गुरु के बारे में अनेक अलग-अलग मान्यताएँ हैं इसलिए लोग बहुत भ्रमित हो जाते हैं। गुरु और शिष्य के बीच केवल शाब्दिक ज्ञान का ही आदान प्रदान नहीं होता था बल्कि गुरु अपने शिष्य के संरक्षक के रूप में भी कार्य करता था। उसका उद्द्येश्य रहता था कि गुरु उसका कभी अहित सोच भी नहीं सकते. यही विश्वास गुरु के प्रति उसकी अगाध श्रद्धा और समर्पण का कारण रहा है। इस मौके पर स्कूल के निदेशक ब्रह्म ठाकुर, प्रधानाध्यापक बैंकेटेशन सुब्रमन्यम, उपप्रधानाध्यापक रोहित सुबा के अलावे शिक्षक गौतम कुमार, संदीप तमंग,संजय मुरमु, भरचना दास,एनिला तमंग, बबली तिवारी, संजय उपाध्याय, सुनीता पाठक सहित सभी शिक्षक व अभिभावक मौजूद थे।
कार्यक्रम जीन छात्रों ने प्रस्तुत किये

स्वागत गान प्रस्तुत करती

विद्यालय के छात्र-छात्राओं द्वारा अठारह सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किये गये। जिसमें गणेश बंदना हर्षित, राजीव रंजन, आशु,। स्वागतगान शिप्रा, पियांशु, निवेदिता, निशु, बैष्णवीं, अंजली सिंह। रंगोली मारो नृत्य में सिमरन, नंदनी, खुशी व प्रिया शामिल रही। नाटक ढ़ोगी बाबा में अंकित, शिवम्, पिं्रस, रोहित, कृति, रानी, अमीषा हनी, रौशन, हिमांशु ने प्रस्तुत किया। इनके अवाले सैकड़ो छात्रों ने गीत, संगीत, नृत प्रस्तुत कर अभिभावकों को मंत्र मुग्ध कर दिया।

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