मानवता न भुले, इसी से आएगी विश्व शांति : प्रेम रावत

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बक्सर खबर : चौसा में बनने जा रहे थर्मल पावर परिसर में रविवार को शांति का संदेश देने वाला कार्यक्रम आयोजित किया गया। जिसमें शांति संदेश देने के लिए प्रेम रावत जी रविवार को पहुंचे। अपने संबोधन में उन्होंने शांति की तलाश सभी को है। वह सबके पास है। आवश्यकता है उसे महसूस करने की। बाह्य शांति का एहसास कभी-कभी होता है।

लेकिन वह स्थायी नहीं है। मन की शांति ही प्रमुख है। उन्होंने कबीर दास जी के कथन -भीखा-भूखा कोई नहीं, सबकी गठरी लाल। का उदाहरण देते हुए कहा। सबके हृदय में शांति का खजाना है। उसका अनुभव करें। तब जीवन शांत होगा। जब मन शांत होगा तभी विश्व में शांति आएगी। उनके उपदेश का श्रवण करने के लिए लाखों संख्या में श्रद्धालु श्रोता यहां पहुंचे थे। शनिवार से उनका आगमन चौसा में जारी था।

मंच के सामने संदेश सुनते श्रोता

रविवार की सुबह दस बजे तक आने वालों का तांता लगा रहा। विशेष कर बिहार के सभी जिलों से बसों में भरकर लोग यहां लाए गए थे। उत्तर प्रदेश, झारखंड, पश्चिम बंगाल, नेपाल एवं कुछ विदेशी अनुयायी भी पहुंचे। एसजीवीएन द्वारा प्राप्त प्रेस नोट के अनुसार धर्म की व्याख्या नहीं कर के उन्होंने मानवता की व्याख्या की। लोग मानवता को याद रखें यही जरुरी है। पिछले 55 वर्षों से वे विश्व के लगभग 250 देशों में शांति का संदेश दे चुके हैं।

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