होलिका दहन का समय शाम रात्रि 8:29 बजे से

0
756

-जाने पौराणिक मान्यता और दहन का विधान
बक्सर खबर। इस वर्ष पूर्णिमा रविवार, दिनांक 28 मार्च सन् 2021 ई0 को है। भद्रा दिन में 13:33 बजे तक है। अत: सूर्यास्त के बाद प्रदोषकाल में होलिका दहन शास्त्रसम्मत है। अर्थात् साधारणतया रात्रि 08:29 बजे के बाद से रात्रि 10:26 बजे तक वृष लग्न में होलिका दहन के लिए सर्वोत्तम काल है। और इसके बाद रात्रि 12:40बजे तक मध्यम काल है। यह जानकारी पंडित नरोत्तम द्विवेदी ने दी। उन्होंने पौराणिक मान्यता का जिक्र करते हु बताया कि …

होलिकादहन की कथा
दैत्यराज हिरण्यकशिपु का पुत्र प्रह्लाद भगवान विष्णु का भक्त था। दैत्यराज ने उसकी हत्या के लिए कोई उपाय नहीं छोड़ा। अंत में दुखी हो गया। उसे चिंतामग्न देखकर उसकी बहन होलिका ने कहा कि चिंता मत करो। ब्रह्माजी के वरदान से मुक्षे एक दुपट्टा मिला है। उसे ओढऱ मैं प्रह्लाद को लेकर अग्नि में बैठ जाऊंगी और यह जल जाएगा मैं बंच जाऊंगी। प्रह्लाद को लेकर होलिका अग्नि में बैठ गयी। पिता ने प्रह्लाद से पूछा कि तुम्हें कैसा लग रहा है? प्रह्लाद ने कहा कि लहरों वाले समुद्र में कमल पर बैठा हूं। इतना सुनते ही होलिका ने धक्का देकर प्रहलाद को अग्नि में फेंक दिया। संयोग वश पवन देव ने दुपट्टा प्रह्लाद पर डाल दिया। होलिका जल गयी प्रह्लाद बच गया। तभी से होलिका दहन की परंपरा प्रारंभ हुई।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here