‌‌‌प्रशासन का आग्रह मान गए धरनारत किसान

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अपनी तय जगह पर ही करेंगे प्रदर्शन, कमेटी करेगी आगे का निर्णय
क्सर खबर। चौसा में जारी किसानों का धरना कहीं उग्र रुप ने ले। इसकी आशंका से प्रशासन के अधिकारी परेशान थे। क्योंकि सात अगस्त से किसान थर्मल पावर प्रोजेक्ट के गेट पर धरना देने की घोषणा कर चुके थे। इसको देखते हुए मौके पर भारी संख्या में पुलिस बले की सोमवार को तैनाती की गई थी। चौसा का वह इलाका जहां थर्मल पावर बन रहा है। वह पुलिस छावनी में तब्दील हो गया था। लेकिन, मौके पर पहुंचे एडीम प्रमोद कुमार, एसडीएम धीरेन्द्र कुमार मिश्रा व एसडीपीओ गोरख राम आदि ने सभी किसानों से मिलकर प्रशासन का पक्ष रखा तथा उन्हें भरपुर सहयोग का आश्वासन दिया। चौसा में छह से ज्यादा गावों के किसान पिछले 294 दिन से धरना दे रहे हैं।

उनकी मांग है कि रेल कारिडोर व पाइप लाइन के लिए जो भूमि अधिग्रहित हो रही है। उसमें हमें नई दर से मुआवजा मिले। मौके पर पहुंचे एडीएम ने उन्हें आश्वस्त किया। एक कमेटी बने जैसा डीएम का निर्देश है। पहले भी आप लोगों से बात हुई थी। लारा कोर्ट में मामला चल रहा है। जो मुआवजा बनेगा उसका भुगतान होगा। उसकी प्रकिया चल भी रही है। आप सहयोग करें, जिससे किसी तरह की परेशानी न हो। किसान इस बात को समझ गए और उन्होंने यह विश्वास दिलाया कि हमारा धरना जहां पूर्व से चल रहा था। वहीं चलेगा, हम थर्मल पावर के गेट पर नहीं जाएंगें। लेकिन, कुछ लोगों की मांग यहां काम करने वाली कंपनी से भी है। उस मसले का भी समाधान होना चाहिए। जिससे निपटाने के लिए एक कमेंटी बनाई जाएगी। जिसमें किसान, प्रशासन और कंपनी के लोग होंगे। उसकी नियमित अंतराल पर बैठक होगी और समस्या का समाधान तलाश जाएगा। प्रशासन की इस सलाह को किसान मान गए हैं। यह जानकारी वार्ता के उपरांत एडीएम ने मीडिया को दी।

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