पेश की मिशालः दशहरा को लेकर मुस्लिम समुदाय ने नही निकाली तजिया जुलूस

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बक्सर खबरः सांप्रदायिक सौहार्द की मजबूत इतिहास रखने वाले डुमरांव ने एक बार फिर से परंपरा को आगे बढ़ाया है। इस बार मुस्लिम संपद्राय के द्वारा आगे बढ़कर सौहार्द को मजबूत करने का प्रयास किया गया है। मामला मोहर्रम के मौके पर निकलने वाले ताजियां जुलूस का है। दशहरा मेला तथा प्रतिमा विसर्जन को देखते हुए मुस्लिम संप्रदाय ने इस बार ताजियां जुलूस नहीं निकालने का निर्णय लिया। डुमरांव की चार कमिटियों द्वारा ताजियां का जुलूस निकाला जाता है। तीन कमिटियों ने पहले ही पुलिस प्रशासन को लिखित सूचना दे दी थी कि दुर्गापूजा को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है। हबीबुल्लाह खां की गली स्थित चैथी कमिटि के द्वारा भी रविवार के सुबह ताजियां जुलूस नहीं निकालने की बात प्रशासन को बताई गई।

हबीबुल्लाह खां की गली के कमिटि के खलीफा सह वार्ड पार्षद अख्तर हुसैन ने बताया कि पर्व में सौहार्द न बिगड़े इसी को ध्यान में रखकर सभी ताजियां कमिटियों ने यह निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि पर्व त्योहार आपसी मेल जोल को बढ़ाने का संदेश देते है। उन्होंने कहा कि शरारती तत्व अपने मंसूबे में कामयाब न हो इसके लिए ताजियां जुलूस को रोक दिया गया है। उम्मीद जताया जा रहा है कि चालीसवें के दिन यह जुलूस निकाला जा सकता है। हबीबुल्लाह खा की गली में पगड़ी बांधने के रस्म को वार्ड पार्षद सह खलीफा अख्तर हुसैन के नेतृत्व में किया गया। इस दौरान मुख्य पार्षद विभा मिश्रा, उनके पति मोहन मिश्र, वार्ड पार्षद कस्मुद्दीन, जियाउल हक के साथ बोर्डर, अकबर अली, मिराज अंसारी, जलील हाशमी, शम्सुदीन समेत दोनों संप्रदाय के सैकड़ो लोग थे।

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