हाईकोर्ट ने रद्द की सिविल कोर्ट में चतुर्थवर्गीय कर्मचारियों की बहाली, बक्सर में 64 की हुई थी नियुक्ति

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बक्सर खबर। राजीव राय
पटना हाईकोर्ट ने सूबे के विभिन्न जिलों के सिविल कोर्ट में हुई चतुर्थवर्गीय कर्मचारियों की नियुक्ति को अवैध ठहरा दिया है। हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश राजेंद्र मेनन की खंडपीठ ने आज मंगलवार को सारी बहालियों को रद्द करने का फैसला सुनाया। साथ ही इसकी जांच का भी हुक्म दिया है। इससे बक्सर में बहाल हुए 64 लोगों की नौकरी भी खत्म हो चुकी है।
बता दें कि कुछ महीने पहले सूबे के 22 जिलों के सिविल कोर्ट में चतुर्थवर्गीय कर्मचारियों के पदों पर बहाली हुई थी। नियमों में हुए बदलाव की अनदेखी करते हुए अभ्यर्थियों को इस पद पर बहाल कर दिया गया। बताया जाता है कि सिर्फ साक्षात्कार के आधार पर चतुर्थवर्गीय कर्मचारियों की बहाली कर दी गई, जबकि इसके लिए बकायदे लिखित परीक्षा लेनी थी। यही नहीं बहाली में जमकर धांधली बरती गई। इसको लेकर बिहार युवा अधिवक्ता कल्याण समिति ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर दी। इसी याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश राजेंद्र मेनन की खंडपीठ ने आज इन बहालियों को रद्द कर दिया। इससे बक्सर सिविल कोर्ट में बहाल हुए लोगों की नौकरी भी प्रभावित हुई है। यहां 64 पदों पर चतुर्थवर्गीय कर्मचारियों की बहाली हुई थी। हाईकोर्ट के इस फैसले के बाद इन सबों के होश उड़े हुए हैं।

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