लक्ष्मीनारायण महायज्ञ की निकली भव्य कलश यात्रा

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-शहर का आतिथ्य देख भाव विभोर हुए श्रद्धालु
-10 नवंबर से प्रतिदिन सुबह सात से आठ बजे कुटिया में करेंगे पूज्य जीयर स्वामी जी महाराज
बक्सर खबर। बच्चे, बूढ़े और जवान, हर किसी के कदम पवित्र गंगा नदी से जल भरकर अहिरौली में गुरुवार से होनेवाले लक्ष्मीनारायण महायज्ञ स्थल की ओर बढ़ रहे थे। बुधवार को आस्था, भक्ति और अनूठी श्रद्धा का भव्य नजारा दिखा। इस दौरान जय श्रीराम के उदघोष से पूरा इलाका गूंजता रहा। ऐसा लग रहा था, मानो प्रभु श्रीराम की अगुवाई करने पूरा शहर उमड़ पड़ा हो।

अहिल्याधाम से निकलती जलभरी यात्रा

पूजनीय लक्ष्मीप्रपन्न जीयर स्वामी जी महाराज के निर्देशन में निकाली गई इस जलभरी व कलश यात्रा में 50 हजार से अधिक श्रद्धालु शामिल हुए। इसका आयोजन सनातन संस्कृति समागम माता अहिल्या धाम बक्सर में गुरुवार से होने वाले श्री लक्ष्मी नारायण महायज्ञ के उपलक्ष्य में किया गया। सात दिवसीय वैदिक महायज्ञ कार्यक्रम श्रीराम कर्मभूमि न्यास के तत्वावधान में किया जा रहा है। यात्रा आरंभ होने से पूर्व यज्ञाचार्य विजय राघव जी ने वैदिक मंत्रों के साथ प्रधान कलश का पूजन कराया।

जलभरी यात्रा में शामिल उंटों का दल

इस अवसर पर उपाचार्य संतोष चौबे, ब्रम्हा धनजी चौबे, उपब्रम्हा राजाराम जी मौजूद रहे।
इस कलश यात्रा की खास बात यह रही कि इसमें बड़ी संख्या में हाथी, ऊंट, घोड़े के अलावा कई रथ शामिल हुए। एक तरफ हजारों की संख्या में लोग हाथों में भगवा झंडा लिये प्रभु श्रीराम का जयघोष करते आगे बढ़ रहे थे। वहीं दूसरी ओर बाइक पर सवार होकर युवाओं का झुंड जय श्रीराम और हर-हर महादेव का उद्घोष करते हुए चल रहा था।

जलभरी यात्रा में शामिल अश्व दल

इस दौरान सभी के चेहरे पर एक अलग ही उत्साह नजर आ रहा था। इस जलभरी यात्रा में हर उम्र, हर जाति और हर वर्ग के लोग शामिल हुए। यूं कहें कि इस यात्रा ने जात-पात, ऊंच-नीच के भेदभाव को पूरी तरह ध्वस्त कर दिया था। जो भी इस यात्रा में पहुंचा उसके मन में राम बसे थे।  समागम के संयोजक सह केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे कलश यात्रा में शामिल हुए।

जलयात्रा में शामिल महंत अयोध्यानाथ स्वामी व सांसद अश्विनी चौबे

उन्होंने इस यात्रा को भव्य व दिव्य बताते हुए कहा कि इसमें हजारों श्रद्धालु अपने सिर पर कलश ले यज्ञ स्थल से सेंडिकेट नहर पुल होते हुए सब्जी मंडी, टाउन थाना होकर रामरेखा घाट पहुंचे। यहां से कलश में जल भरकर पिपरपाती रोड, आयुर्वेदिक कॉलेज होते हुए यज्ञ स्थल पर पहुंचे। समागम सांस्कृतिक व आध्यात्मिक महाकुंभ में तब्दील हो गया है। हर तरफ अध्यात्म की बयार बह रही है।

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