‌‌‌ जेल अधीक्षक के नाम पर कैदियों से ठगी का प्रयास

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अधिवक्ता ने जेल प्रशासन को लिखा पत्र, प्राथमिकी की तैयारी
बक्सर खबर। साइबर ठगी करने वाले दूर बैठकर लोगों को चूना लगा रहे हैं। आम जन ऐसा ही सोचते हैं। लेकिन, कुछ ऐसे भी लोग हैं, जो जिले में बैठकर ऐसा षड्यंत्र कर रहे हैं। नया मामला केन्द्रीय जेल से सामने आया है। ठग ने एक अधिवक्ता को ही फोन कर उनके मुवक्किल को चूना लगाना चाहा। लेकिन, वे उसकी मनसा भांप गए। इसकी सूचना अधिवक्ता शुभम कुमार ने जेल अधीक्षक को लिखित रूप से दी है। उन्होंने मीडिया को इसकी जानकारी देते हुए बताया कि हो न हो जेल के कर्मचारी ही इस ठगी में शामिल हैं।

क्योंकि एक दिन पहले मैने अर्जुन यादव के लिए वकालतनामा भेजा था। उस पर मेरा हस्ताक्षर व मोबाइल नंबर भी था। उसी दिन मुझे एक नंबर से फोन आया। बात करने वाले ने स्वयं को जेल अधीक्षक राजीव कुमार बताते हुए कहा कि जिस अर्जुन यादव को आपने वकालतनामा भेजा है। वह घायल हो गया है। आप उसके परिवार वालों का नंबर दिजिए। उनको सूचना देनी है, उसे मदद की जरूरत है। पांच-पांच मिनट के अंतराल पर कई बार फोन आया।

अधिवक्ता समक्ष गए यह फ्रॉड का खेल हो रहा है। क्योंकि जेल के बंदी को अगर चोट आती है तो परिवार के सदस्य उसका उपचार कैसे कराएंगे। यह काम तो जेल प्रशासन का है। शुभम के अनुसार कुछ और अधिवक्ताओं ने भी ऐसी शिकायत मिलने की बात कही है। मैं उस नंबर का उल्लेख करते हुए प्राथमिकी दर्ज करूाउंगा। जिससे मुझे फोन किया गया। लेकिन, आम जन के लिए यह जागरूक होने वाली खबर है। क्योंकि कुछ लोग ऐसे भी हैं, जो आपके परिवार के सदस्य का नाम लेकर ठगी कर सकते हैं।

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