चालीस वर्ष बाद तालाब से बाहर निकली भगवान वरदराज की प्रतिमा

0
842

बक्सर खबर। तमिलनाडु के कांची शहर को दक्षिण भारत का काशी कहा जाता है। इस शहर में लगभग एक हजार मंदिर हैं। भगवान विष्णु को आराध्य मानने वाले इस प्रदेश में कांची में ही रामानुज स्वामी का जन्म हुआ था। इस लिए यह शहर वैष्णव संप्रदाय का आध्यात्म केन्द्र कहा जाता है। यहां का प्रसिद्ध मंदिर है भगवान वरदराज का मंदिर। इस मंदिर में भगवान विष्णु की विशाल प्रतिमा है। जिसे एक तालाब में रखा जाता है। अंजीर की लकड़ी से बनी यह प्रतिमा चालीस वर्षों तक तालाब में रहती है। इतने वर्षों के अंतराल पर इसे बाहर निकाला जाता हैं।

पूज्य जीयर स्वामी के साथ पूजा में शामिल होने पहुंचे महात्मा

इस उत्सव में शामिल होने के लिए संपूर्ण भारत वर्ष से लोग यहां पहुंचते हैं। संयोग से यह समय इस वर्ष पूरा हुआ है। एक जुलाई को यह प्रतिमा तालाब से निकाली गई और उसका विधिवत पूजन कर उसे आम लोगों के दर्शन के लिए रखा जाता है। यह उत्सव सोमवार से प्रारंभ हो चुका है। सोमवार की सुबह पांच बजे जब उत्सव प्रारंभ हुआ तो विभिन्न संतों के साथ पूज्य जीयर स्वामी जी भी वहां पहुंचे और पूजा में शामिल हुए। उत्सव को देखते हुए प्रशासन ने व्यापक इंतजाम किया है। पूरे शहर की सभी धर्मशालाएं, होटल और लॉज तिर्थयात्रियों से भर गए हैं। आप भी उस प्रतिमा का दर्शन बक्सर खबर के माध्यम से कर सकते हैं।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here