मीडिया की नियत पर होने लगा है शक : राजीव भगत

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बक्सर खबर : एक दौर था जब राजीव भगत डुमरांव के संघर्षशील पत्रकारों में गिने जाते थे। आज हालात ने उन्हें मजबूर कर रखा है। स्वयं की जरुरत और बाजारवाद के दबाव में उन्होंने उस कलम का साथ छोड़ दिया। जिसके लिए कभी अपने 26 वर्ष गवां दिए। उनको ऐसा लगता है आज की पत्रकारिता की नियत ठिक नहीं। बक्सर खबर ने अपने साप्ताहिक कालम इनमें मिलिए के संदर्भ में बात की। चर्चा के दौरान उन्होंने कहा मीडिया की नियत पर शक होता है। संवाददाताओं का सर्वाधिक शोषण आज मीडिया में ही है। इतना ही नहीं ऐसे लोग कुर्सी पर बैठे हैं। जिनका जमीर जिंदा नहीं। अगर घर का मालिक ही चोर हो, वह अपने संवाददाता को क्या सीख देगा। ऐसे में स्वच्छ व बेहतर पत्रकारिता की उम्मीद कहां तक संभव है। राजीव भगत की बेबाक बातें सुन अच्छा लगा। ऐसा नहीं जो किसी कंपनी की नौकरी कर रहे हैं। वे गुलाम हैं, उनको उस छवि से बाहर आना चाहिए। पत्रकारों का सामाजिक दायित्व हैं। उसको हमेशा याद रखना चाहिए।

पत्रकारिता का सफर
बक्सर : राजीव भगत को अपनी मिट्टी से बहुत लगाव है। कई अवसर आए जब उनके उपर दबाव पड़ा। लेकिन वे खुद को डुमरांव से अलग नहीं कर पाए। स्नातक करने के दौरान ही मीडिया से उनका जुड़ाव हो गया। सर्व प्रथम जुलाई 1987 में हिन्दू स्थान समाचार संवाद समिति पटना से जुड़े। आगे बढऩे पर आर्यावर्त ने उनको डुमरांव से अपना संवाददाता बनाया। 1997 में प्रभात खबर डुमरांव के लिए लिखना प्रारंभ किया। फिर दैनिक जागरण से जुड़ गए। यह सफर 2013 तक चला। कुछ पत्रिका जैसे विकास पुरम, चौथी दुनिया के लिए लिखने का उन्हें मौका मिला। कलम और कलमकारों से इतना लगाव है कि आज भी वे खुद को सबसे अलग नहीं कर पाए हैं। सबके साथ थोड़ा वक्त जरुर बिताते हैं। अपने दौर को याद करते हुए उन्होंने तब हाथ से लिखकर हम लोग पटना खबर भेजते थे। तीन-चार दिन बाद भी खबर ताजा रहती थी। जब फैक्स का दौर आया। तब कई मर्तबा डुमरांव से बक्सर फैक्स करने जाना होता था। आज का दौर है, जहां संवाददाता मौजूद हैं। खबर वहीं से भेजी जा सकती है। लेकिन, मीडिया का वजूद हल्का हुआ है। समाचार छपता है पर उसका लक्ष्य नहीं होता। खबर बदलते देर नहीं लगती।

अपने पेशे में व्यस्त राजीव भगत

व्यक्तिगत जीवन
बक्सर : डुमरांव में राजीव भगत का जन्म 5.10.1969 को हुआ। पिता श्री सच्चिदानंद भगत के वे प्रथम पुत्र हैं। उनके बाद तीन भाई और भी हैं। वर्ष 1984 में राज हाई स्कूल से मैट्रिक, 89 में डीके कालेज से स्नातक तथा 95 में महाराजा कालेज आरा से वकालत की डिग्री ली। फिलहाल वे डुमरांव के मशहूर इनकम टैक्स वकील हैं। बक्सर खबर की टीम उनके सफल व मंगल जीवन की कामना करती है।

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