पोखरा की अवैध घेराबंदी पर बीएमपी-4 व राजपरिवार आमने-सामने

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2012

बक्सर खबरः बीएमपी -4 के पास स्थित ढेकवा पोखरा की घेरा बंदी बीएमपी द्वारा कराई जा रही है। जिसका नंदन गांव के किसानों के विरोध कर रहे है। पंचायत के मुखिया राजीव कुमार पाठक के गुहार पर राज परिवार ने प्राथमिकता दिया है। तथा किसानों के साथ खड़ा रहने का विश्वास दिया है। रविवार को महाराज शिवांग विजय सिंह खुद हरियाणा फार्म के पास स्थित पोखरा पर पहुंचे तथा विरोध कर रहे ग्रामीणों का न सिर्फ समर्थन किया। उन्होंने कहा कि ढेकवा पोखरा की जमीन को राज परिवार द्वारा आस पास के गांव के लोगों के सार्वजनिक उपयोग के लिए दान किया गया था। यह भू-भाग हरियाणा फार्म की जमीन से अलग तथा आनाबाद बिहार सरकार के दायरे में आती है। जिस कारण इस पर बीएमपी को घेराबंदी करने का अधिकार नहीं है। ग्रामीणों का विरोध जायज है क्योंकि वर्षो से यह पोखरा उनके उपयोग में आता रहा है। इसी जमीन से होकर पइन निकली है जिससे नंदन, अकालुपर समेत आस पास के कई गांव के हजारों हेक्टेयर खेत की सिंचाई होती है। पोखरा की घेराबंदी से पइन का अस्तित्व मिट जाएगा तथा खेती पर बुरा असर पडे़गा। उन्होंने कहा कि राजघराने में इस जमीन का कागज सुरक्षित है। जरूरत पड़ने पर राजपरिवार ग्रामीणों को न्याय दिलाने के लिए कानूनी लड़ाई भी लड़ेगा। घेराबंदी होने से किसानों का खासा नुकसान उठाना पडे़ेगा तथा खेती बारी चैपट हो जाएगी। उन्होंने कहा कि किसानों की सुविधा के लिए वे इसका विरोध करते रहेंगे। महाराज शिवांग ने कहा कि हरियाणा फार्म खोलने के लिए डुमरांव राजपरिवार ने वर्ष 1948 – 49 में 426 एकड़ जमीन दान में दी थी। इसी जमीन में से दो सौ एकड़ जमीन बीएमपी – 4 को सरकार ने दिया है। यह विरोध तबतक जारी रहेगा जब तक अवैध घेराबंदी को बंद नही की जाती है।

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