चलते-चलते : दुनिया छोड़ गए दो ईमानदार नेता

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बक्सर खबर : वर्ष दो हजार सोलह समाप्ति की तरफ बढ़ रहा है। यह राजनीति उपलब्धता के नाम पर शून्य रहा। हमने पूरे वर्ष पर नजर डाली। तो यह बात सामने आयी, हमने खोया बहुत कुछ। स्वच्छ व ईमानदार राजनीति के दो प्रतिमान नेता हमारे बीच से निकल गए। देश की राजनीति में अक्खड़ व फक्कड़ स्वभाव के लिए मशहूर लालमुनी चौबे का स्वर्गवास हो गया। 25 मार्च को उनके निधन की बुरी खबर मिली। अगले दिन वाराणसी में राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया। बक्सर से चार बार सांसद रहे लालमुनी चौबे की राजनीतिक उपलब्धी को जानने के लिए लोग अक्सर सवाल करते हैं। यहां हम याद दिला दें। उनकी चुनावी सभा में आए अटल बिहारी वाजपेयी के सामने उन्होंने हवाई अड्डा के मैदान में गंगा कटाव की मांग रखी थी। वाजपेयी जी ने वादा किया, हमारी सरकार बनी तो कोइलवर तटबंध बनेगा। भाजपा की सरकार बनी और बक्सर से आरा तक अरबों रुपये की लागत से कोइलवर तटबंध का निर्माण हुआ।
नहीं रहे मिलनसार विधायक रामनरायण राम
बक्सर : दलित नेता रामनरायण राम बक्सर जिले के सोनपा गांव के निवासी थी। 24 जुलाई को उनका बक्सर स्थित आवास पर निधन हो गया। भाजपा के टिकट पर राजपुर सुरक्षित विधानसभा क्षेत्र से दो बार विधायक रहे। पहला चुनाव उन्होंने 1985 में तथा दूसरा 1990 में जीता था। अपनी राजनीतिक जीवन में उन्होंने सबका आदर किया। जो मिला उसे तपाक से मिलते थे। अपने से बडो एवं आदरणीय लोगों का पैर छूने में वे संकोच नहीं करते थे। उनके इस स्वभाव के कारण लोग उन्हें सबका राम नरायण कह कर संबोधित करते थे। यह दोनों नेता अब हमारे बीच नहीं हैं।

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