भारतीय संस्कार : जहां बेटी को देवी की तरह पूजा जाता है

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-जाने कन्या पूजन का महत्व, क्या है पौराणिक मान्यता
बक्सर खबर। आज विजयादशमी का त्योहार मनाया गया। इस वर्ष मलमास लगने की वजह से हिंदू पंचांग की तिथियों का भोग कुछ आगे पीछे रहा। जिसके कारण आज शनिवार की सुबह कुछ समय के लिए नौमी की तिथि रही। 10 बजे के उपरांत दशमी प्रारंभ हो गया। इस दौरान बहुत जगह भवन-पूजन हुआ।

साथ ही कन्या पूजन और नवारात्रि की समाप्ति पर कन्या पूजन की परंपरा का निर्वाह किया गया। भारतीय संस्कृति में इसका विशेष महत्व है। यह तस्वीर डुमरांव के काली मंदिर की है। जहां देवी स्वरुप इन बच्चियों का भोज कराया गया। साथ ही उनका पूजन भी हुआ। हम आज जानते हैं। कन्या पूजन का क्या विधान है। कितने वर्ष की बच्चिों का पूजन होना चाहिए। इसके लिए आप हमारी यहां क्लिक करें: –

नवरात्रि में कन्या पूजन का महत्व

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