‌‌‌उपचार के आभाव में हो सकती है कैंसर पीड़ित की मौत

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-प्रशासन से मदद की गुहार, घर वाले हैं लाचार
बक्सर खबर। पचपन वर्ष की आयु पूरी कर चुके बबन पासवान के पास जीवन के कितने दिन बचे हैं। किसी को पता नहीं है। उनकी बीमारी भी लाइलाज जैसी है। उन्हें गले का कैंसर है। उनका उपचार वाराणसी के ट्रामा सेंटर में कुछ माह से चल रहा था। 4 अप्रैल को उन्हें डाक्टर से मिलने जाना था। लेकिन, लॉकडाउन ने समस्या बढ़ा दी है। उन्हें कोई गाड़ी वाला लेकर वाराणसी जाने को तैयार नहीं है। स्वयं उनकी माली हालत ऐसी नहीं है। जो कुछ विशेष इंतजाम करें। बबन को प्रशासन से मदद की गुहार है। राजपुर प्रखंड के हकारपुर गांव के लोग चाहकर भी उनकी मदद नहीं कर पा रहे।

वहां के पैक्स अध्यक्ष अंगद सिंह ने मीडिया से आग्रह किया। अगर हमें कोई एंबुलेंस मिल जाती। अथवा प्रशासन कोई इंतजाम कर देता। तो इन्हें हम लोग वाराणसी लेकर जाते। अंगद की माने तो उन्होंने जिलाधिकारी कार्यालय से भी मदद की गुहार लगाई है। लेकिन, अगर बहुत विलंब हुआ तो शायद बबन पासवान को बचाया नहीं जा सकेगा। यहां हम बीमार व्यक्ति की तस्वरी आपको दिखा रहे हैं। लेकिन, उनका चेहरा ऐसा हो गया है। जिसे देखने का साहस सबके अंदर नहीं होगा। इस लिए उसे ढ़क दिया गया है।

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