बक्सर खबर। मनुष्य अपनी पैदाइश के वक्त से ही ब्रह्मंड के रहस्यों को सुलझाने में जुटा है। उसकी इसी जिज्ञासु प्रवृति के कारण दुनिया यहां तक पहुंची है। मनुष्य के सामने अब भी रहस्यों का पिटारा पड़ा है जिसे वह सुलझाना चाहता है, लेकिन उसकी भी एक सीमा है। इस कायनात के सारे रहस्यों को सुलझा लेना उसके बस में नहीं है। अब जैसे- जिंदगी और मौत के रहस्य को मनुष्य कहां सुलझा पाया है? वह इसे जितना सुलझाने के करीब पहुंचता है, रहस्य और गहरा जाता है।