गंगा की सुरक्षा अर्थात प्रकृति का संवर्धन, युवाओं को मिली सीख

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नमामि गंगे कार्यक्रम के तहत आयोजित हुआ युवा सम्मेलन कार्यक्रम
बक्सर खबर। नेहरू युवा केन्द्र एवं नमामि गंगे परियोजना के संयुक्त तत्वावधान में एक दिवसीय जिला सम्मेलन का गुरुवार को आयोजन हुआ। एमपी हाई स्कूल के विश्वामित्र हॉल में संपन्न हुए कार्यक्रम का शुभारंभ जिलाधिकारी अमन समीर व डीडीसी डॉक्टर महेंद्र पाल ने संयुक्त रुप से किया। कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य युवाओं में गंगा स्वच्छता को लेकर जागरूकता बढाना था। उन लोगों को प्रशस्ति पत्र व अंग वस्त्र देकर सम्मानित भी किया गया। जो इस अभियान के तहत गंगा स्वच्छता का अभियान चला रहे हैं।

इस दौरान वरीय उपसमाहर्ता एवं नोडल अधिकारी श्रेयांश तिवारी, गंगा समग्र के रामाशंकर सिन्हा , छात्र कल्याण अध्यक्ष डॉ. रणविजय कुमार , कवि एवं गंगा यात्री निलय उपाध्याय मुख्य रूप से उपस्थित रहे। मंच संचालन का कार्य नमामि गंगे के जिला परियोजना पदाधिकारी शैलेश कुमार राय एवं रणविजय ने किया। जिलाधिकारी ने युवाओं को प्रकृति से जोड़ने के लिए अपने ट्रेनिंग के दौरान हुए गंगा किनारे के अनुभव को बताया।

-कार्यक्रम के दौरान स्वच्छता का संकल्प लेते उपस्थित लोग

निलय उपाध्याय ने कहा कि 12 वर्षों से गंगा किनारे रह कर गंगा स्वच्छता के लिए यात्रा के माध्यम से तपस्या कर रहा हूं। गंगा में बहुत सी बेकार की परियोजना भी लागू की गई हैं। हरेक शहर से गंदा नाला का पानी डाला जा रहा है। जो चिंता का विषय है। गंगा का 95 प्रतिशत जल हरिद्वार में ही अलग कर एक नहर द्वारा दिल्ली वासियों के दैनिक उपयोग एवं शौचालय में बहाने के लिए भेजा जा रहा है। जो गंगा के महत्व के प्रति जागरूकता के अभाव को दर्शाता है।

निलय उपाध्याय का स्वागत करते शैलेश

अन्य वक्ताओं का भी वक्तव्य उनके निजी अनुभवों से जुड़ा हुआ रहा। कुछ छात्राओं ने गंगा को गंदा करने वाले अपने दैनिक व्यवहार को नुक्कड़ नाटक के माध्यम से प्रस्तुत किया। साथ ही भारतीय संस्कृति को बताते हुए गीत पर नृत्य प्रस्तुत किया गया। अंत में श्रेयांश ने धन्यवाद ज्ञापन किया। इसके लिए हस्ताक्षर अभियान की शुरुआत भी की गई।

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