भोजपुरी का अपमान बर्दाश्त नही, राज्यपाल को लिखी चिठ्ठी- युवराज

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बक्सर खबरः जहां भोजपुरी भाषा को आठवीं अनुसूची में जोड़ने की तैयारी की जा रही है। अपने ही भोजपुरी गृह क्षेत्र में भोजपुरी को उपेक्षित किया जा रहा। वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय में वर्षों से स्नात्तकोत्तर विभाग में भोजपुरी की पढाई कराइ जाती थी। कई विद्यार्थी इस विषय में डिग्री भी प्राप्त कर चुके है। बावजूद इसके एका एक विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा भोजपुरी की पढाई बंद कर देना दुर्भाग्य पूर्ण ही नहीं बल्कि पच्चीस करोड़ भोजपुरी भाषा भाषियों के मान सम्मान एवं पहचान पर कुठाराघात है। उक्त बातें युवराज चंद्रविजय सिंह एवं महाराज कुमार शिवांग विजय सिंह ने अपने संयुक्त बयान में बड़ा बाग स्थित अपने निजी कार्यालय में दी। उन्होंने कहा कि बिहार,झारखण्ड, उत्तरप्रदेश,मध्यप्रदेश एवं अन्य राज्यों के साथ ही विश्व के कई देशों में भोजपुरी प्रचलित ही नहीं बल्कि बोलचाल में प्रयोग में लाई जाती है। इस विषय की पढाई भी की जाती है। जिसमंे मुख्य रूप से मॉरीशस, युगांडा एवं अन्य देश शामिल है। लेकिन भोजपुरी का जन्मदाता प्रदेश यदि इस भाषा में उदासीनता दिखाये तो यह शर्मनाक है । उन्होने राज्यपाल से अनुरोध किया है कि वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय में शिघ्र भोजपुरी भाषा की पढाई पुनः प्रारम्भ की जाये। ताकि भोजपुरी भाषा भाषियों की पहचान अमिट रह सके। उनमे सरकार एवं शिक्षा के प्रति विश्वास कायम हो सके।

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