नमामि गंगे- चले थे अकेले कारवां बनता गया

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बक्सर खबर : गंगा को स्वच्छ करने की मुहिम इस देश ने छेड़ी है। इस प्रयास को कोई अकेले सफल नहीं कर सकता। गंगोत्री से चली गंगा गंगा सागर तक का सफर तय करती हैं। उनके इस सफर में अनगिनत गांव, कस्बे आते हैं। जिनकी गंदगी वह साफ करती हैं। उन सभी की यह जिम्मेवारी बनती है। वे भी इन्हें साफ रखें। इस अभियान के तहत बक्सर में छात्र शक्ति के युवाओं ने कमान संभाली। 25 सितम्बर को सौ रविवार पूरे हुए। जब अभियान प्रारंभ हुआ तो कुछ लोग थे। लेकिन, आज का नजारा देखने लायक था। सुबह से लेकर शाम तक घाट पर काफी गहमा-गहमी रही। बाढ़ से जमा गाद को हटाने से लेकर शाम में आयोजित गंगा आरती में शहर के इतने लोग जमा थे। जिसे देखकर ऐसा लगा यहां परिवर्तन की धारा बह निकली है। सौंवे रविवार को यादगार बनाने के लिए गंगा आरती से लेकर भजन संध्या तक का कार्यक्रम रखा गया था। शहर के इतने लोग इसमें शामिल हुए। जिसे देखकर कहा जा सकता है। मैं तो चला था अकेला, कारवां बनता गया। इस टीम के संयोजक सौरभ तिवारी (हमारे शब्दों में ), ओम जी, कपिन्द्र किशोर आदि ऐसे युवा रहे जिन्होंने अभियान को कभी कमजोर नहीं पडऩे दिया। यह सारे युवा शहर के लिए संदेश हैं। आप गंगा को स्वच्छ रखने में सहयोग करें। आपके पास सफाई के लिए समय न सही। शहर को गंदा न करें। क्योंकि यही गंदी गंगा में जाती है।

रामरेखा घाट पर सफाई में जुटे युवक
रामरेखा घाट पर सफाई में जुटे युवक

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