उ साहबे नहीं दलित हैं

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माउथ मीडिया,बक्सर खबर। मैं गुरुवार को गांव आ रहा था। नवमी के हवन पूजन में शामिल होने। रास्ते में बतकुच्चन गुरु से मुलाकात हुई। उन्होंने हाल-चाल पूछा तो मैने बताया। गांव जा रहा हूं। वे बोले आज कल दुर्गा पूजा को लेकर बहस जारी है। समाज में कौन बुरा है कौन अच्छा। कौन रावण है, क्या रावण मरेगा इस तरह की बहस हर जगह सुनने को मिल रही है। बहस के बीच एक प्रश्न और भी है। जिसके बारे में लोग कम बाते कर रहे हैं। राम कौन बनेगा। रावण तो समय गुजरने के साथ लगातार बलवान होता जा रहा है। मैंने उनके सवालों का जवाब नहीं दिया। क्योंकि सच तो सभी जानते हैं।

वे बोले गुरू हम तो कहे हैं जेतना खतरा एक समाज के डायरेक्ट रावण से ना है। ओ से ज्यादा खतरा इन डायरेक्ट वाले रावण से हौ। उनकी यह बात सुन मेरा माथा ठनका, आखिर वे कहना क्या चाहते हैं। तपाक बोले अब जिला में एगो ओडीबी का कहानी तोहके बता रहे हैं। ओ कुर्सी पर बइठे वाले को लोग साहेब बोले रहे। लेकिन, ओ मिला के नया नाम दलित रखाया है। काहे की उ थाना में केस किया रहा। सरकारी काम काज प्रभावित हुआ है, ओ से ज्यादा कहीं दलित के अपमान हुआ रहा। पुलिस वाले कहत हउअन सरकार के काम दू नंबर पर, एक नंबर पर दलित के अपमान के बात हौ। सगरे जिला जवार में एकर चर्चा हौ। सुने में एतना तक आ रहा है। जब-जब व दलित सरकारी बैठक में जात हौ। ओकरा धमकी आवे लगत हौ। उ आम मनई के फोन ना उठावे है। लेकिन, जइसे ही धमकी वाला फोन आवे है व पहचान जावे है। अब तू ही बताव अइसन साहेब का जनता के काम करी जौन साहेब कम दलित ज्यादा हौ। यहां के नेता परेता भी सब उहे हैन, कवनो ना ही बोल रहे हैं। जौन हैं व उलटा पैरवी कर रहे हैं। जौन बचे हैं व दिवाली आए से पहले गोधन कूटे में लगे हैं। यहां रावण बलवान न होगा त का कमजोर होगा। मैंने बतकुच्चन गुरू की हां में हां मिलाया और उनसे इजाजत ली।

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