‌‌‌ चिराग तले अंधेरा, सिविल सर्जन ने चिकित्सकों को घेरा

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– सीएस को होमगार्ड के सिपाहियों ने और उन्होंने ने स्वास्थ्य कर्मियों को हड़काया
बक्सर खबर। चिराग तले अंधेरा, यह कहावत सच है। लेकिन, रविवार की रात सिविल सर्जन सुरेश चन्द्र सिन्हा ने भी इसे अपनी आंखों से देख लिया। वे देर रात के वक्त डुमरांव के अनुमंडलीय व सिमरी के प्रखंड अस्पताल पहुंचे थे। सच जानने के लिए उन्होंने अपनी पहचान छिपाकर रखी। निरीक्षण में दोनों जगह कमियां देखने को मिलीं। डुमरांव अस्पताल में उन्होंने ड्रेस कोड व ड्यूटी पर तैनात कर्मियों को जरूरी सीख दी। लेकिन, सिमरी अस्पताल गए तो वहां सुरक्षा के लिए ड्यूटी पर तैनात होमगार्ड के जवान सोते मिले।

सीएस ने उनसे जाकर पूछा, डॉक्टर कहां बैठते हैं। यह सुनकर होमगार्ड के सिपाहियों ने उन्हें हड़काते हुए कहा। जाकर उधर पता करो, हमें सोने दो। वे अस्पताल के अंदर दाखिल हुए तो वहां डॉक्टर मिले। लेकिन ड्रेस कोड में नहीं थे। स्वयं को मरीज बता दवा मांगी। डॉक्टर ने उन्हें दवा दी लेकिन, किसी ने पर्चा कटवाने के लिए नहीं कहा। जांच में पता चला वहां तीन कर्मी मौजूद नहीं हैं। जिनकी उपस्थिति उन्होंने काट दी। इसमें दो महिला व एक पुरुष कर्मी शामिल हैं।

सोमवार की सुबह जब यह खबर मीडिया में आई तो सामाजिक लोगों ने कहा ग्रामीण अस्पतालों की कौन कहे। सदर अस्पताल की हालत अच्छी नहीं हैं। वहां डॉक्टर ड्रेस कोड का पालन नहीं करते। अगर उनकी जांच हो तो सच सामने आ जाएगा। चिकित्सक मरीज को देखते तक नहीं। सिर्फ कलर्क की तरह पर्चे से नाम पता रजिस्टर में भर कर चलता करते हैं। वहां का निरीक्षण भी उन्हें करना चाहिए। हालांकि कुछ सकारात्मक भी सुनने को मिला। लंबे समय बाद किसी सिविल सर्जन ने रात के वक्त इस तरह जांच कर व्यवस्था में सुधार का प्रयास किया है।

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