शंकर का मतलब होता है जो कल्याण ही कल्याण करें : जीयर स्वामी

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-भगवान की आड़ में गलत करने वालों से रहें सजग
बक्सर खबर। शंकर का मतलब होता है जो कल्याण ही कल्याण करे। भगवान शंकर के समान कोई नहीं है। धतुरा चढ़ा दिए तो भी खुश, बेल पत्र, गंगाजल चढ़ा दिए तो भी खुश, नाराज नहीं होते। इतने बड़े हैं, यही तो कारण है। आज कल लोग भगवान शंकर को मानकर गलत काम कर रहे हैं। इनके नाम पर  गांजा, भांग इत्यादि का सेवन कर रहे हैं। अपने से लोग लाइसेंस लेकर जो नहीं करना वह भी करने की वकालत करते हैं। कहते हैं भगवान शंकर का भक्त हैं। शंकर जी के नाम पर, भैरव जी के नाम पर, काली जी के नाम पर, गलत काम करना अच्छी बात नहीं है।

वैदिक परंपरा को तोड़ने मरोड़ने का अधिकार किसी को नहीं
बक्सर खबर। जो वैदिक परंपरा है, उसको तोड़कर कुछ लोग अपने मन से जो जी में आता है करते हैं। इससे धर्म के नाम पर भटकाव की बातें प्रबल होती हैं। ध्यान रहे धर्म कभी भी हमें गलत मार्ग पर चलने की आज्ञा नही देता है। तभी तो वह धर्म कहलाता है। वह हमेशा सीख देता है। लोग कहते हैं धर्म क्या है। जिसको पकड़ने के बाद, सुनने के बाद, मानने के बाद समझने के बाद हम गलत काम न करें उसी का नाम धर्म है। यह बातें पूज्य जीयर स्वामी जी महाराज ने बलियां में चल रहे चातुर्मास व्रत की कथा के दौरान कहीं।

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