अब नहीं चलेगी बहानेबाजी, सुनवाई में नहीं हुए शामिल तो होगी कार्रवाई

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-सुनवाई के दौरान उपस्थित नहीं रहने पर होगी कार्रवाई
-प्राधिकार के बदले भेज दिए जाते हैं विभागीय लिपिक बक्सर खबर। सरकारी कार्यालयों में बाबुओ की मनमानी इतनी बढ़ गई है ,उनलोगों के पास जनता की समस्या को सुनने तक का समय नहीं है । लोग अपनी समस्या अब सबंधित कार्यालय ने नहीं बल्कि सीधे अनुमण्डल लोक शिकायत में वाद दर्ज कर रहे हैं । सुनवाई भी हो रही है । लेकिन सुनवाई के समय लोक प्राधिकार (सम्बंधित अधिकारी) उपस्थिति नहीं हो ,अपने प्रतिनिधि को सुनवाई के लिए लोक अदालत भेज रहे हैैं । जिससे सुनवाई में काफी दिक्कते हो रही है । कुछ दिनों पहले जिला पदाधिकारी ने जिले के सभी लोक प्राधिकार को लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम अंतर्गत दायर किए गए सुनवाई के दौरान स्वयं उपस्थित होने का निर्देश दिया है ।

 

उपस्थित नहीं होने वाले लोग प्राधिकार के विरुद्ध अनुशासनिक कार्रवाई एवं दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी । समीक्षा के दौरान यह जानकारी मिली की अधिकतर सुनवाई के दौरान लोक प्राधिकार स्वयं उपस्थित नहीं होते हैं एवं अपना पक्ष रखने के लिए वैसे लिपिक को भेजते हैं जिसे विषय वस्तु की कोई जानकारी नहीं होती है । कुछ लोग प्राधिकार द्वारा सुनवाई के दौरान कार्यालय लिपिक को अस्थाई रूप से प्रधिकृत कर दिया गया है ऐसे लोक प्राधिकार का यह कृत्य सरकारी निर्देशों की अवहेलना तो है ही साथ ही लोक शिकायत निवारण अधिनियम के तहत प्राप्त परिवाद योग के निवारण में उनकी अरुचि को भी दर्शाता है। इस कृत्य के लिए संबंधित लोक प्राधिकार अनुसंश्नात्मक एव दंडात्मक कार्रवाई के भागी होंगे।

 

सुनवाई के दौरान किसी कारण से लोक प्राधिकार स्वयं उपस्थित हो पाने में समर्थ नहीं हो तो ऐसी आकस्मिक स्थिति में वह अपने किसी अधिनस्थ पदाधिकारी को जो परिवाद के विषय को अच्छी तरह से जानता हो या उससे अवगत हो वह सुनवाई में भाग लेने हेतु प्राधिकृत कर सकते हैं । परंतु ऐसे प्राधिकृत पत्र में उन कारणों को स्पष्ट उल्लेख रखना चाहिए । जिसके कारण लोक प्राधिकार स्वयं उपस्थित हो पाने में असमर्थ है । हालांकि इस को प्रैक्टिस नहीं बनाने की भी उनके द्वारा हिदायत दी गई है। विदित हो कि लोक शिकायत अधिकार अधिनियम के तहत सुनवाई के दौरान अधिकांश विभाग के लोक प्राधिकार उपस्थित नहीं हो रहे हैं ,तथा अपने बदले किसी लिपिक को भेजकर कागजी खानापूर्ति करते जा रहे हैं । जिसके कारण मामले का निवारण करने में काफी विलंब और परेशानी हो रही है। आकड़ो के अनुसार अब डुमरांव अनुमंडल लोक शिकायत निवारण में करीब 384 मामले सुनवाई के लिए लम्बित हैं ।

-कहते है अधिकारी
लोक शिकायत पदाधिकारी धनन्जय त्रिपाठी ने बताया कि सुनवाई के दौरान सम्बंधित लोक प्रधिकार को उपस्थित होना आवश्य है । नही उपस्थित होने वाले प्राधिकार पर दण्डात्मक करवाई किया जाएगा ।

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