जिले का ऐसा गांव जहां बेटियां धारण करती हैं जनेऊ

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-बसंत पंचमी को आायोजित होता है यज्ञोपवित संस्कार
-इस बार नौ छात्राओं ने पहना जनेऊ
बक्सर खबर(यह भी जानेे)।  आजकल जहां लड़कों में जनेऊ संस्कार की परंपरा खत्म होती जा रही है। वहीं बक्सर में एक ऐसा गांव है जहां स्कूली छात्राएं भी जनेऊ धारण करती हैं। यह परंपरा लगभग पचास वर्ष पुरानी है। वसंत पंचमी को यहां छात्राओं के लिए जनेऊ संस्कार आयोजित किया जाता है। मंगलवार को आयोजित कार्यक्रम में भी नौ छात्राओं का जनेऊ संस्कार किया गया। पुरानी परंपरा में जान डालने के लिए बक्सर जिले की लड़कियों ने युवाओं को सीख दी हैं। नावानगर प्रखंड के मणियां गांव के उच्च विद्यालय में अनेक छात्राएं जनेऊ धारण करती हैं। इसकी परंपरा शुरू करने वाले ने तब संदेश दिया था। बेटियां भी समाज में बराबर का दर्जा रखती हैं।

कन्या के द्वारा जनेऊ धारण करने की है मनाही
बक्सर खबर। हिंदू धर्म में वैसे तो कन्या के द्वारा जनेऊ धारण करने की मनाही है। इसके बावजूद दशकों से यह परंपरा चली आ रही है। यज्ञोपवीत संस्कार करनेवाले आचार्य हरि नारायण आर्य ने कहा कि ऐसा किसी शास्त्र में नहीं लिखा गया कि कन्याएं जनेऊ धारण नहीं कर सकती हैं। लेकिन कुछ कारणों से इस पर रोक है। पर इन छात्राओं ने उसका हल निकाल रखा है। प्रति वर्ष वसंत पंचमी के दिन जनऊ संस्कार होता है, जिसमें छात्राएं वैदिक परंपरा अनुसार जनेऊ धारण करती हैं। उन्होंने बताया कि हर साल इस विद्यालय में कन्याएं जनेऊ धारण करती हैं। यह परंपरा दशकों से चली आ रही है।

-संस्कार का संकल्प लेती छात्राएं

नौ कन्याओं ने किया जनेऊ धारण
बक्सर खबर। मंगलवार को वसंत पंचमी के दिन नौ कन्याओं ने जनेऊ धारण किया। इनके नाम हैं शिल्पा सिंह, संजू गुप्ता, गुडिया, नीतू कुमारी, सीमरन कुमारी, गीता, रूबी, कलावती व चम्पा कुमारी। पंडित हरिनरायण आर्य व सिद्धेश्वर आर्य ने विधिवत संस्कार कर इन्हें यज्ञोपवित प्रदान किया।
1972 से चली आ रही है परंपरा
बक्सर खबर। गांव के लोग बताते हैं। 1972 में इसकी शुरूआत हुई थी। मणिया गांव के आचार्य विश्वनाथ सिंह ने दयानंद आर्य हाईस्कूल की स्थापना की। आचार्य के चार बेटियां थीं, जिनका नाम मंजू, उषा, गीता व मीरा है। आचार्य ने स्थापना के प्रथम वर्ष के वसंत पंचमी के दिन अपनी चारों बेटियों का जनेऊ संस्कार कर दिया। तब से लेकर आज तक यह परंपरा विद्यालय में चली आ रही है।

नोट- यह भी जाने हमारा सप्ताहिक कलम है। जो प्रत्येक मंगलवार को प्रकाशित होता है। इसमें हम आपको देश दुनिया और जिले के वैसे पहलुओं से अवगत कराते हैं जिसमें जानकारी के साथ कुछ नयापन होता है।

 

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