प्रशासन के आश्वासन पर टूटा स्वयं शक्ति का अनशन

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-डुमरांव अस्पताल की बदहाली के खिलाफ उठा रहे थे आवाज
बक्सर खबर। डुमरांव के अनुमंडलीय अस्पताल की हालत बहुत खराब है। वहां की स्थिति में सुधार नहीं हो रहा। इसकी बार-बार आवाज उठाने वाले स्वयं शक्ति के युवाओं ने कई माह पूर्व से प्रशासन को चेतावनी दे रखी थी। बावजूद इसके प्रशासन की लापरवाही यथावत बनी हुई थी। अपनी मांगों पर उचित कार्रवाई न होते देख सोमवार से इस संस्था से जुड़े युवाओं ने डुमरांव में आमरण अनशन प्रारंभ कर दिया था। अनशन के दूसरे दिन प्रशासन की निंद टूटी। सुबह डुमरांव एसडीओ हरेन्द्र राम पहुंचे। उन्होंने युवाओं को समझाया। लेकिन, बात नहीं बनी।

अनशनकारी डीएम को बुलाने पर अड़े थे। उनका कहना था, डीएम आए, लिखित आश्वासन दें। तब हम मानेंगे। लेकिन, शाम होते-होते डीडीसी अरविंद कुमार डीएम के प्रतिनिधि बनकर वहां पहुंचे। साथ में सिविल सर्जन ने भी अपनी टीम भेजी। एसडीओ उन लोगों को साथ लेकर राजगढ़ चौक पहुंचे। जहां दो दिनों से अनशन जारी था। उन लोगों ने कहा हम व्यवस्था को दुरुस्त करने में लगे हैं। मौका दिया जाए। तब जाकर युवाओं ने एक निश्चित समय अवधि तय करने की बात कही और अपना अनशन समाप्त किया। उन्हें समाज के हर वर्ग से समर्थन मिल रहा था।
स्वयं शक्ति की है पांच मांगे
बक्सर खबर स्वयं शक्ति के संगठन के संरक्षक सुमीत गुप्ता ने कहा कि अनुमंडलीय अस्पताल में कुव्यवस्था के कारण मरीजों को झोलाझाप डाक्टरों व प्राइवेट क्लिनिकों से लुटने को मजबूर हैं। हमारी पांच मांगे हैं। अस्पताल में तय मानक के अनुरूप व्यवस्था बहाल हो। क्षमता के अनुरूप कर्मचारियों, चिकित्सकों व टेक्नीशियन की व्यवस्था की जाए। उद्घाटन हो जाने के बाद बन्द पड़े ब्लड स्टोरेज यूनिट को सुचारू रूप से चलाया जाए। अस्पताल में जाँच के अत्याधुनिक उपकरणों व उनके क्रियान्वयन की व्यवस्था हो। अस्पताल के अंदर 24 घण्टे चिकित्सक की उपलब्धता रहे। बोर्ड पर प्रदर्शित दवाओं की उपलब्धता अस्पताल में हमेशा रहे। स्वयं शक्ति के अध्यक्ष राजन तिवारी ने कहा कि हम व्यवस्था में सुधार चाहते हैं। इस लिए अनशन कर रहे थे। अगर समय रहते वादे पूरे नहीं हुए तो आगे भी हमारा प्रदर्शन जारी रहेगा।

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