‌‌‌गंगा दशहरा पर जगह-जगह हुई भव्य आरती, चीफ जस्टिस भी हुए शामिल

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बक्सर खबर। गंगा दशहरा के मौके पर बुधवार को जिले में कई जगह गंगा आरती का आयोजन हुआ। ऐसी धार्मिक मान्यता है कि इसी तिथि को माता गंगा का अवतरित रीत हुई थी। इस तिथि को वैदिक मान्यता के अनुसार उनके पूजन और स्नान का विधान है। इस मौके पर श्रद्धालु शाम में गंगा में दीप दान करते हैं। जगह-जगह गंगा आरती का आयोजन भी होता है। बुधवार को संध्या वेला में रामरेखा घाट पर आरती हुई।

श्री गंगा आरती सेवा ट्रस्ट द्वारा आयोजित कार्यक्रम में शामिल होने उच्च न्यायालय बिहार के मुख्य न्यायाधीश अमरेन्द्र प्रताप साही भी पहुंच गए। उन्होंने गंगा का पूजन और आरती भी की। इस दौरान उनके साथ हाई कोर्ट के जज आशुतोष सिंह, जिला जज, डीएम, एसपी व तमाम अधिकारी घाट पर मौजूद रहे। वहीं अन्य घाटों में बंगला घाट, जमुना घाट, लक्ष्मी नारायण पर भी आरती हुई।

गंगा पूजन करते मुख्य न्यायाधीश

लक्ष्मीनारायण मंदिर के महंत राजगोपालाचार्य, त्रिदंण्डी देव समाधी स्थल के संत, महात्मा एवं अन्य लोगों ने आरती की।इस कार्यक्रम में नरसिंह स्वामी, संजय पंडित, मुन्ना पांडेय, राजीव मिश्रा, विजय शंकर ओझा आदि ने हिस्सा लिया। जमुना घाट पर गंगा समग्र अभियान से जुड़े स्वयं सेवकों ने आरती की।

रामरेखा घाट पर आरती का नजारा

बक्सर में हुआ था गंगा का उद्मम
बक्सर खबर। बक्सर में गंगा स्नान और पूजन का भी विशेष महत्व बताया गया है। साकेत वासी पूज्य श्रीमन्नारायण जी महाराज एवं वर्तमान समय के महान संत पूज्य जीयर स्वामी जी कहते हैं। बक्सर मां गंगा का उदम स्थल है। भगवान विष्णु का प्रथम मानव अवतार बक्सर में वामन के रुप में हुआ। उस समय जब उन्होंने तीनों लोक की भूमि मापने के लिए पैर उठाया। तो ब्रह्माजी ने पैर धोकर अपने कमंडल में रख लिया था। तब उनका नाम विष्णु पाद्दोदकी गंंगा पड़ा। जब भगीरथ की तपस्या के बाद इस धरा धाम पर उतरी तो पहले भगवान शंकर की जटा में समा गई। तब उनका नाम जटाशंकरी गंगा पड़ा। वहां से भगीरथ के रथ के पीछे-पीछे गंगा सागर के लिए चली तब उनका नाम भागीरथी गंगा पड़ा।

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