जाने कब, कहां और कैसे सोना चाहिए

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बक्सर खबर (यह भी जाने ) । हमारा साप्ताहिक कालम यह भी जाने जो प्रत्येक मंगलवार को प्रकाशित होता है। इसके तहत हम आज चर्चा करेंगे। शयन के नियम की। यह पूरा विवरण भारतीय अध्यात्म और हमारे पौराणिक ग्रंथों में दिए गए संदर्भों पर आधारित हैं। जिसे हम आपकी जानकारी के लिए प्रस्तुत कर रहे हैं।
1- सूने तथा निर्जन स्थान अथवा घर में अकेला नहीं सोना चाहिए। देव मंदिर अथवा श्मशान में भी नहीं सोना चाहिए। (इसका उल्लेख मनुस्मृति में मिलता है)
2- किसी सोए हुए व्यक्ति को अचानक नहीं जगाना चाहिए। ( संदर्भ विष्णुस्मृति)
3- विद्यार्थी, द्वारपाल अथवा नौकर यदि अधिक समय से सोए हुए हों तो इन्हें जगाना बेहतर है। (चाणक्य नीति)
4- बहुत अंधेरे कमरे में भी सोना श्रेयकर नहीं।
5- भीगे पैर नहीं सोना चाहिए। साथ ही टूटी खाट अथवा जूठे मुंह सोना भी वर्जित किया गया है।
6- नग्न अवस्था में नहीं सोना चाहिए।

किस दिशा में सोने से क्या लाभ और हानी होती है
1- पूर्व दिशा की तरफ सिर करके सोने से विद्या प्राप्त होती है।
2-पश्चिम दिशा में सिर करके सोने से प्रबल चिंता होती है।
3- उत्तर दिशा में सिर करके सोने से हानि एवं मृत्यु का भय रहता है।
4- दक्षिण दिशा में सिर करके सोने से धन और आयु की प्राप्ति होती है।
कब नहीं सोना चाहिए
शास्त्रों में ऐसा उल्लेख है। दिन में कभी भी नहीं सोना चाहिए। दिन में सोने से आयु का क्षरण एवं मनुष्य रोगी होता है। ब्रह्मवैवर्तपुराण के अनुसार सूर्योदय और सूर्यास्त के समय सोना वाला रोगी एवं दरिद्रता को प्राप्त करता है। कभी भी गिले पैर नहीं सोना चाहिए। साथ ही सोते समय ध्यान रहे। पैर दक्षिण दिशा की तरफ नहीं हो। क्योंकि इधर यम का द्वार होता है।

कब और कैसे सोना चाहिए
बक्सर खबर। अब तक जो भी बातें बतायी गयी हैं। उनके अनुरुप आप सोने की श्रेष्ठ अवस्थाओं को जान चुके होंगे। कुछ और प्रमुख बातें हैं। जिसका उल्लेख हम यहां कर रहे हैं। जैसे गर्मी के दिनों में दोपहर के वक्त एक मुहूर्त अर्थात 48 मिनट का विश्राम किया जा सकता है। कभी भी मनुष्य को सूर्यास्त के तीन घंटे बाद ही सोना चाहिए। रात में बायीं करवट सोने को लाभप्रद बताया गया है। सोते समय पैर पर पैर चढ़ाकर नहीं सोना चाहिए। हृदय पर हाथ रखकर एवं तिलक लगाकर भी सोना मना है। सोते वक्त तिलक जरुर हटा लें।
जगने का समय
बक्सर खबर। जैसा की भारतीय धर्म ग्रंथ अथवा चिकित्सा विज्ञान सलाह देते हैं। जो लोग स्वस्थ्य हैं।  ब्रह्म् मुहूर्त में जगें। यह आयु  को  बढाने वाला समय काल है। जगने के तुरंत बाद हाथों का दर्शन एवं धरती माता को प्रणाम करने का विधान भी बताया गया है।
नोट-हमारा साप्ताहिक कालम यह भी जाने। प्रत्येक मंगलवार को प्रकाशित होता है। यह कैसा लगा हमें कमेंट के माध्यम से जरुर बताएं। अपने सुझाव भी हमे दे सकते है।

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