वार्ड पार्षद का चुनाव हारने वाले जीत गए मुख्य पार्षद का चुनाव

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– लोगों को याद आ रही पुरानी कहावत, किस्मत मेहरबान तो गधा पहलवान
बक्सर खबर। समय से बड़ा बलवान को नहीं। वह अनुकूल हो जाए तो विजेता बना देता है और प्रतिकूल हो जाए उसे पटखनी दे देता है। अब मेहरून्निसा को ही लीजिए। वह खुद वार्ड सदस्य का चुनाव हार गई हैं और मुख्य पार्षद का चुनाव जीत गई हैं। उन्होंने बक्सर नगर परिषद के मुख्य पार्षद समेत वार्ड नंबर 16 के वार्ड सदस्य के लिए भी नामांकन किया था। उस वार्ड में उन्हें कुल 673 मत प्राप्त हुए। सपना कुमारी जिन्हें 1241 मत मिले, वह विजयी घोषित हुई हैं।

लेकिन यह हार बड़ी जीत के नीचे दब गई है। क्योंकि उन्होंने मुख्य पार्षद पद का चुनाव जीत लिया है। उनके शौहर नियमतुल्ला फरीदी से कहीं ज्यादा उनके समर्थक चहक रहे हैं। जिसकी वजह से यह चर्चा शुरु हो गई है। पिछली दफा शहर के वार्ड 13 से लक्ष्मण शर्मा ने उन्हें शिकस्त दी थी। बाद में उपचुनाव हुआ। कमरुनिशा को नियमतुल्ला ने मैदान में उतारा। उन्हें जीत मिली और फिर राजनीतिक पारी शुरू हुई। हालांकि नियमतुल्ला व्यवहार से मिलनसार है। रामेश्वर मंदिर में जलाभिषेक करने के उपरांत नामांकन करने का उनका फैसला इस चुनाव में अपना रंग दिखा गया। स्वयं की शेखी बघारने वालों को इस चुनाव परिणाम से सीख लेनी चाहिए।

सिर्फ जाति के भरोसे रहने वालों को चुनाव में सफलता मिलने से रही। और उससे भी एक बड़ा फैक्टर इस बार यह देखने को मिला कि बलवान को पिछे धकेलने के लिए छुटभइयो ने गोल बना लिया। दूसरी तरफ खुद की छवि से ज्यादा दूसरे की विरोधी छवि का लाभ मिला और नतीजा पलट गया। इस चुनाव परिणाम से कुछ लोगों को सीख लेने की जरुरत है। और कुछ को अभी से चेत जाने की। चलते-चलते एक बात और, किसी ने कहा है-  साहिल पर जाके न सोच, हम बच निकले, लहरें मौज लेती है किनारे डूब जाते हैं।

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