‌‌‌सोशल मीडिया का झूठी खबर लिखना पड़ा भारी, साइबर एक्ट में दो के खिलाफ मुकदमा

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बक्सर खबर। सोशल मीडिया पर आए दिन अमर्यादित बातें पढने को मिलती हैं। लेकिन, लोग यह भूल जाते हैं। ऐसे मामलों में अगर कोई अड गया तो आपको जेल हो सकती है। इस लिए सोशल मीडिया पर भ्रामक और आपत्ती जनक बातें नहीं लिखना चाहिए। पत्रकार भी इससे परहेज करें। बगैर किसी साक्ष्य के खबर लिखना गले का फांस बन सकता है। कुछ दिन पहले सोशल मीडिया में एक खबर आई। शराब पीकर किया डांस। जिसके खिलाफ ऐसा लिखा गया वह अड गया। क्योंकि उसका कहना था मैंने घर की पार्टी में डांस किया। जिससे मीडिया ने खबर बना दी। अगले ही दिन हिन्दी समाचार पत्र ने भी खबर छाप दी। अब क्या था जो मामला शांत होने वाला था। वह न्यायालय पहुंच गया।

पहले संबंधित मीडिया घरानों को नोटिस जारी हुई। अंतत: शनिवार को इस मामले में दो लोगों के खिलाफ नामजद प्राथमिकी दर्ज हुई। जिन लोगों ने पीपी रोड के रहने वाले सामाजिक कार्यकर्ता और हाकर गोविंद जायसवाल को बदनाम करने की कोशिश की थी। प्राथमिकी संख्या 671/2018 में किसी के सोशल एकाउंट से वीडियो चुराने, उसका गलत प्रयोग करने, व्यक्तिगत रुप से किसी को आहत करने जैसे आरोप में मुकदमा हुआ है। साइबर क्राइम एक्ट की धारा 66 एवं 67 सी तथा किसी को अपमानित करने के कारण धारा 500 एवं 501 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। अधिवक्ता राजीव राय ने बताया कि साइबर एक्ट के तहत गलत बात को लाइक करने, कमेंट करने और शेयर करना साइबर एक्ट के तहत अपराध है। बहुत से लोग इस बात को जानते नहीं। लाइक एवं कमेंट में ऐसी बाते लिखते हैं। इस मामले में जीन दो लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज हुई है। उसमें एक पत्रकार और दूसरे अरोपी नेता हैं। जिनके खिलाफ पर्याप्त साक्ष्य उपलब्ध हैं। जिन्होंने यह अपराध किया है।

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