प्रशासन और थर्मल पावर प्रोजेक्ट के खिलाफ ग्रामीण उग्र

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बक्सर खबर। चौसा में प्रस्तावित थर्मल पावर प्रोजेक्ट को लेकर कुछ लोग राजनीति करने से बाज नहीं आ रहे। गुरुवार को भूमि दाताओं के नाम से चौसा में बैठक हुई। अधिकारियों के सामने कई प्रस्ताव रखे गए। नि:शुल्क बिजली, नौकरी, पेंशन, शिक्षा और बहुत कुछ। अधिकारियों ने आश्वासन दिया। आपकी मांगे हमारे स्तर से प्रस्तावित कर सरकार को मंजूरी के लिए भेजा जा रहा है। इसकी खबर कुछ अखबारों में भी छपी। आज शुक्रवार को खबर आने के बाद से बनारपुर, सिकरौल, मोहनपुरवा आदि गांवों के किसान व ग्रामीण उग्र हो गए हैं। उनका कहना है जिन लोगों ने जमीन दी है। उनको मुफ्त बिजली मिलेगी। और गांव के अन्य गरीबों को क्या मिलेगा। जब प्रोजेक्ट शुरू हुआ था। तब कहा गया था। दस किलोमीटर के दायरे में सभी गांवों को बिजली दी जाएगी। अब भूमि दाता के नाम पर राजनीति शुरू हो गई है।

अगर ऐसा हुआ तो वे गरीब जिनके पास जमीन नहीं है। वे ऐसी असमानता लाने वालों के खिलाफ ईट से ईट बजा देंगे। इसके लिए आज शनिवार को बैठक बुलाई गयी। जिसकी अध्यक्षता जदयू के पूर्व प्रखंड अध्यक्ष सुरेश चौहान ने की। बैठक में शामिल होने जदूय के पूर्व अध्यक्ष अशोक सिंह भी पहुंचे। उन्होंने कहा थर्मल पावर से निकला धुंआ क्या जमीन वाले लोग विशेष रुप से ग्रहण करेंगे। कोई भी सरकारी सुविधा इन गांवों के हर व्यक्ति को मिलनी चाहिए। अगर मनमानी हुई तो इसका करारा जवाब दिया जाएगा। बैठक में जोखन सिंह, निर्मल सिंह, जयप्रकाश वर्मा, रामभजन सिंह, रामेश्वर सिंह, सीताराम गुप्ता, उपेन्द्र रजक, ओम प्रकाश कुशवाहा, हरीहर चौहान, हरेराम चौहान, कमला सिंह, मोहन बिंद, धनश्याम चौधरी, कैलाश चौधरी, मुर्तजा, शिव बिहारी आदि लोग शामिल हुए।
बैठक में शामिल लोग

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