तीहरे हत्याकांड में पांच को आजीवन कारावास

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बक्सर खबर : तीन लोगों की हत्या कर देने के जुर्म में न्यायालय ने पांच लोगों को आजीवन कारावास की सजा सुनायी है। व्यवहार न्यायालय में शुक्रवार को एडीजे पांच अरुण कुमार श्रीवास्तव ने यह सजा सुनायी। यह घटना 30 जनवरी 2012 को कृष्णाब्रह्म थाना के कठार में हुई थी। स्पिडली ट्रायल की सुनवायी के दौरान शंकर दयाल सिंह, उनके तीन पुत्र शेखर सिंह, विनोद सिंह, अशोक सिंह व अभिषेक सिंह को आजीवन कारावास की सजा हुई है। साथ ही सभी पर पचास-पचास हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया है।

कैसे घटी घटना 

बक्सर : क्रोध व्यक्ति का जीवन नष्ट कर देता है। साढ़े चार वर्ष पहले कृष्णाब्रह्म थाना के कठार गांव में ऐसी ही घटना हुई थी। 30 जनवरी की सुबह मामूली विवाद में गांव के अशोक सिंह ने संजय तिवारी को पीट दिया था। संजय के परिवार वालों ने जब यह जाना तो उन लोगों ने मिलकर अशोक सिंह को पीट दिया। इससे आक्रोशित संजय के परिवार वालों ने बंदूक उठायी और तिवारी परिवार के चार लोगों को गोली मार दी। मौके पर ही तीन लोगों की मौत हो गयी। बबन तिवारी, जितेन्द्र तिवारी उपनाम मंटू तिवारी दोनों पिता अवधेश तिवारी, सच्चिदानंद तिवारी पिता काशी तिवारी की हत्या से पूरा गांव दहल गया। गोली मुन्ना तिवारी को भी लगी थी। उनका लंबा उपचार चला वह बच गए। इस मामले में पांच लोगों को नमाजद किया गया था।

मामूली विवाद में तीन पीढ़ी हुई बर्बाद
बक्सर : तीस जनवरी 2012 का वह काला दिन जिले के बहुत से लोगों को याद होगा। घटना के वक्त संजय तिवारी घर से बाहर मंदिर के पास आग ताप रहे थे। उसकी राख अशोक सिंह के उपर पड़ गयी। इससे नाराज अशोक सिंह ने संजय तिवारी को पीट दिया था। तिवारी का घर पास में ही था। उन्होंने घर वालों को बुला लिया। तब अशोक पीट गए। अपमान की आग में जल रहे अशोक के घर वालों ने बंदूक उठायी और चार लोगों को गोली मार दी। इसमें इसमें अवधेश तिवारी के दो बेटे बबन तिवारी, जितेन्द्र तिवारी एवं उनके चचेरे भाई सच्चिदानंद दुबे की मौत हो गयी। वहीं इस आरोप में शंकर दयाल सिंह उनके तीन पुत्र चन्द्रशेखर, विनोद व अशोक सिंह एवं चन्द्रशेखर सिंह के पुत्र अभिषेक सिंह को आजीवन कारावास हो गया। अर्थात पिता, बेटा और नाती तीन पीढ़ीयां आक्रोश की भेट चढ़ गयी। दो परिवार क्रोध पर काबू न रख पाने के कारण बर्बाद हो गए।

एसपी दलजीत सिंघ की फाइल फोटो
एसपी दलजीत सिंघ की फाइल फोटो

एसपी दलजीत सिंह की रही मुख्य भूमिका
बक्सर : एक ही गांव में ताबड़ तोड़ तीन हत्या की घटना के बाबत जब तत्कालीन एसपी दलजीत सिंह से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि दोषियों को नहीं बख्शा जाएगा। जिस बंदूक से गोली चलाई गयी थी। वह लाइसेंसी थी, पुलिस ने उसे जब्त कर लिया था। दर्ज प्राथमिकी संख्या 82/12 का स्पीडली ट्रायल उन्होंने शुरु कराया। जिसका नतीजा रहा कि कोई भी आरोपी बच नहीं सका। यहां रहते ही उन्होंने पुलिस जांच को मुकम्मल करा दिया था। जिससे बाद में कोई अधिकारी इधर से उधर नहीं कर पाया।

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