‌‌‌डीएम को कौन कहे सीएम को हिला देंगे, का समझे

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बक्सर खबर (माउथ मीडिया) । चुनावी घंटी बजी तो बतकुच्चन गुरू फिर लहराते हुए रास्ते में मिल गए। लंबे समय से न जाने कहां लापता थे। मैंने देखा तो आवाज दी। वे हंसते हुए पास आए और बोल का हाल हौ गुरू, बड़े दिन बाद दिखे। मैं उनकी बातें सुन हंस पड़ा। मैने कहा गुरू हम तो रोज ही कहीं न कहीं दौड़ते ही रहते हैं। आप ही लंबे अरसे बाद दिखे हैं। मेरे बात सुन वे तपाक से बोले। अरे गुरू हम दो दिन से चौसा में फंसे थे। कुछ मनई सब मिल के सड़के जाम कर दिया था। पता चला किसान सब तक नोटे नहीं पहुंच रहा है। हम बड़ा फेरा में पड़े। इस कौन सा नया समस्या आ गवा अप्पन शहर में। लगत है कवनों फिरकी ले रहा है। इ सोच के हम लौट चले सरेंजा-इटाढ़ी के तरफ से। लेकिन, गुरु रास्ते में हमरा इतना हिलाया कि ससुर हम परेशान हो गए।

हमने उससे कहा तोरा शिकायत हम हाकिम से करेंगे। बताओ एतना कवनो हिलाता है। हमरी बात सुन ससुरी हमीं को ताना मारे लगी। का धमकाते हो, हम तोरा डीएम से कौन कहे सीएम से नहीं डरती हूं। जाओ लेके आओ उ सब मिला के भी न हिला दिए तो कहना। आया है हमारा लचक देखने। हमरा तो माथा इ सब सुन के आउट हो गवा रहा। लेकिन, करते का, मजबूरी था। उधर से जाना था। सो चलकते, भचकते हम पहुंच गए तोहरे शहर मा। उनकी बातें सुन मुझसे रहा नहीं गया। मैंने पूछा आपकी बातें समझ में आ नहीं रही हैं। आप कहना क्या चाहते हैं।

वे हंसने लगे और बोले अरे गुरू चौसा से आगे बढ़ोगे तो पता चलेगा। एतना खराब सड़क बनाया है कि कवनो आता-जाता आदमी भी बात देवेगा। अइसन चौपट सड़क बनता है कहूं। ससुरा चलने पर हचर-हचर करता है। गुरू हम कहते हैं, पढा लिखा चोर जब तक रहेगा। इस देश का भला नहीं होवे देगा, का समझे। यह कहते हुए वे आगे निकल गए। लेकिन, उनकी बातें मुझे अच्छी लगी। मन में यह सवाल उठ रहा था। आखिर जो भ्रष्टाचार खुली आंखों से भी दिख जाता है। उस पर किस तरफ लोग झूठ की चादर डाल अलकतरा पी रहे हैं। यह सोचते हुए मैं भी अपने घर को वापस लौट आया। (माउथ मीडिया बक्सर खबर का साप्ताहिक व्यंग कालम है। जो प्रत्येक शुक्रवार को प्रकाशित होता है। आप हपने सुझाव हमें कमेंट के माध्यम से दे सकते हैं)

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