मध्य रात्रि को छोड़ शाम-सुबह मना सकते हैं रक्षाबंधन

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-आज रात आठ 8:58 से प्रारंभ हो रहा है मुहूर्त
बक्सर खबर। रक्षा बंधन के त्योहार को लेकर कई तरह की उहापोह मची है। हालांकि जिस विषय को लेकर असमंजस हो। वहां विद्वानों की राय और लोक मान्यता को ध्यान में रखकर कदम उठाना श्रेयकर होता है। सावन माह की पूर्णिमा 30 अगस्त को है। इसका प्रारंभ दिन के 10:13 से हुआ है। लेकिन, साथ ही साथ भद्रा नक्षत्र है। इस लिए विद्वानों की राय है। रक्षा बंधन भद्राकाल में नहीं होना चाहिए। यह नक्षत्र रात्रि 8:58 में समाप्त हो रहा है।

अर्थात उसके उपरांत रक्षाबंधन का त्योहार मनाया जा सकता है। पूर्णिमा का समय काल 31 अगस्त की सुबह 7:46 तक है। इस समय अवधि के दौरान आप कभी भी रक्षाबंधन मना सकते हैं। कुल लोगों का यह भी प्रश्न है। रात के वक्त मनाना कितना उचित है। जब इस बारे में पूछा गया तो पंडित नरोत्तम द्विवेदी ने कहा कि मध्य रात्रि को छोड़ कभी भी मना सकते हैं। मध्य रात्रि अर्थात रात 11 बजे से लेकर एक बजे के मध्य ऐसा करना उचित नहीं है। कुल मिलाकर आप आज ही रात ग्यारह बजे से पहले आनंद के त्योहार मना सकते हैं। जो आज इसे नहीं मना सकें। वे सुबह 7:46 से पूर्व जरुर मना लें।

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