एक गांव, जहां के लोगों आठ-दस घंटे नहीं, महीनों सोते

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    बक्सर खबर। रावण के भाई कुंभकरण की लम्बी नींद के बारे में तो आपने सुना ही होगा, लेकिन एक गांव ऐसा भी है जहां लोग आठ-दस घंटे नहीं, महीनों तक सोते रह जाते हैं। इस जगह के अनोखे रहस्य के बारे में आज तक कोई भी जान नहीं सका है। उत्तरी कजाकिस्तान में बसे इस गांव का नाम कलाची है। यहां के लोग कुंभकरण की तरह लम्बी नींद सोने के लिए दुनिया भर में जाने जाते हैं। यहां अगर कोई सोता है तो महीनों बाद ही उसकी नींद खुलती है। इस गांव को लोग ‘स्लीपी हॉलो’ के नाम से जाना जाता है।

    लेकिन चौंकाने वाली बात ये हैं कि ये घटना पिछले 6 सालों से इस गांव में हो रही है। पहले यहां के लोग भी सामान्य नींद लिया करते थे। वैज्ञानिक भी इसका सही हल खोज नहीं पाये हैं। इतने महीनों तक सोना इस गांव के लोगों के लिए सबसे बड़ी और एक रहस्यमयी बीमारी बन चुकी है। इस गांव के लोगों को नहीं पता कि वह कब सो जाते हैं और कब जागना हैं। यहां लोग काम करते-करते अचानक सो जाते हैं। इस बीमारी का कारण खोजने में लगी टीमों के अनुसार यहां के लोगों के दिमाग में किसी तरल पदार्थ की मात्रा का उत्पादन तेज गति से होता है। ऐसा क्यों हो रहा है इस बारे में अभी तक कोई ठोस नतीजा नहीं निकल सका है। चिकित्सकों की टीम शोध में जुटी हैं। इस नींद का कारण चाहे जो हो पर इसने यहां के लोगों की पूरी जीवन शैली ही बदलकर रख दी है। इससे लोगों को तमाम तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है।

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