डीजीपी के पद छोडऩे से एनडीए में बढ़ी बेचैनी

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-चुनाव लडऩे की अटकलें, लेकिन सीट और पार्टी का पता नहीं
बक्सर खबर। डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय ने 22 सितम्बर को पद से त्यागपत्र दे दिया। सेवा समाप्ति से पांच माह पूर्व पद छोड़कर वे खुद को बलिदानी साबित करने में सफल होते दिख रहे हैं। लेकिन, ऐसा करने के पीछे उनकी राजनीतिक मंशा है। यह बात भी जग जाहिर को चुकी है। हालांकि इसकी भनक मीडिया को पहले ही लग गई थी। कुछ लोगों ने इसकी खबर भी चलाई। लेकिन, ट्वीटर हैंडल से उनक खबरों का खंडन करते रहे। लेकिन, अब पूरी तस्वीर साफ हो गई है।

आज बुधवार को सोशल मीडिया पर लाइव आकर उन्होंने अपनी मंशा भी जग-जाहिर कर दी है। उनके इस कदम से एनडीए के नेताओं के होश उड़ रहे हैं। सर्वाधिक बेचैनी बक्सर भाजपा खेमे में है। जो नेता व कार्यकर्ता कलतक उम्मीदवार की दौड़ में थे। उनके बीच तो जैसे हाय-तौबा मची है। लेकिन, यहां एक बात बहुत ही अहम है। अभी तक स्वयं पांडेय को भी पता नहीं। उन्हें किस सीट से चुनाव लडऩा है और उनका दल कौन सा है। 34 वर्ष की सेवा की दुहाई वे दे चुके हैं।

पद का बहुत लोभ नहीं। त्यागपत्र देकर यह भी स्पष्ट कर चुके हैं। लेकिन, उनके राजनीतिक दखल का क्या असर देखने को मिलेगा। कहना मुश्किल हो रहा है। पिछले चौबीस घंटे से एक और चर्चा आम है। वे लोकसभा के उपचुनाव में भी भाग्य आजमा सकते हैं। लेकिन, बड़े लोगों के मामले में कुछ भी कहना किसी जोखिम से कम नहीं। क्योंकि ऐसे लोग कब कौन सौ तीर लेकर आ जाए। यह कहना बहुत ही मुश्किल है।

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