‌‌‌सोमवार से शुरू हो रहा है नवरात्र, जाने कलश स्थापना का मुहूर्त

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– विस्तार से पढ़े किस राशि पर क्या प्रभाव डाल रही है नवरात्रि
बक्सर खबर। सोमवार 26 सितंबर से नवरात्रि प्रारंभ हो रही है। जानकारों के अनुसार इस बार नौ दिनों का नवरात्र होगा। किसी तिथि में कटौती नहीं है। कलश स्थापना का मुहूर्त सोमवार को सुबह नौ बजे के उपरांत शाम छह बजे तक है। इस बार किसी कोई व्यवधान नहीं है। सुबह 9:10 के बाद दिन के ग्यारह बजे तक दोपहर और शाम छह बजे से पहले कलश स्थापित किया जा रहा है। तीन अक्टूबर को महाअष्टमी है तथा चार को महानवमी। पांच को दशहरा मनाया जाएगा। इस बार मां का आगमन हाथी पर हो रहा है और वापसी नौका पर।

ज्योतिषाचार्य पंडित नरोत्तम दि्ववेदी के अनुसार देवी का आगमन गज पर जो वृष्टि यानि वर्षा कारक है। प्रस्थान नौका पर जो सर्वसिद्धि कारक है। लेकिन मुर्गा पर पैर रखकर प्रस्थान करना देश में उपद्रव का संकेत दे रहा है। फिर भी भारत की स्थिति सुदृढ़ होगी। नवरात्र के प्रथम दिन इस बार पूरे दिन कलश स्थापना का मुहूर्त है। विशेष सिद्धि हेतु अभिजित मुहूर्त 11:23 से12:36 तक है। नवरात्र पूरे‌ नव‌ दिन का है। 1 अक्टूबर को दिन में विल्वपत्र से देवी का बोधन, आमंत्रण, अधिवासन षष्ठी तिथि ज्येष्ठा नक्षत्र में होगा। 2 अक्टूबर सप्तमी को प्रात: काल मूल नक्षत्र के प्रथम चरण 09:23बजे तक देवी का पट्टाभिषेकादि सभी कार्य कर ले। 3 अक्टूबर अष्टमी को भगवती सरस्वती की विशेष पूजा पुस्तक पूजा पूर्वाषाढ़ के प्रथम चरण 07:41बजे तक कर ले। 4 अक्टूबर नवमी को हवनादि बलिदान कार्य 01:32 मध्याह्न तक करें।

राशिनुसार नवरात्र का फल–
मेष–शत्रुनाश,कार्य सिद्धि।
वृष–धन हानि,कार्य बाधा।
मिथुन–यशहानि, अपमान भय।
कर्क–धन प्राप्ति,सुख वृद्धि।
सिंह–भय,हानि योग।
कन्या–स्थान हानि, पद च्युति।
तुला–द्रव्य हानि,चोर भय।
वृश्चिक–धन व्यय,खर्च वृद्धि।
धन–सुख वृद्धि।
मकर–पाप बुद्धि, निन्दित कार्य।
कुंभ–रोग भय।
मीन–यात्रा में हानि।
अशुभ फल नाश हेतु नवार्ण मंत्र एक माला एवं पञ्चाक्षरी मंत्र ॐ नमःशिवाय एक माला करें।

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