ऑपरेशन सिंदूर में शहीद हुए थे हवलदार, परिवार ने सरकार से शहीद स्मारक गेट की मांग की बक्सर खबर। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान देश के लिए जान न्योछावर करने वाले नरबतपुर के वीर सपूत हवलदार सुनील सिंह यादव को रविवार को पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई। जैसे ही उनका पार्थिव शरीर गांव पहुंचा, पूरा इलाका ‘भारत माता की जय’ और ‘शहीद सुनील सिंह अमर रहें’ के नारों से गूंज उठा।
आसपास के गांवों से हजारों लोग उनके अंतिम दर्शन के लिए उमड़ पड़े। उनकी पत्नी, दो बेटे, पिता और छोटे भाई ने नम आंखों से उन्हें अंतिम सलामी दी। यह पल हर किसी को भावुक कर गया। सेना के जवानों, स्थानीय पुलिस, प्रशासनिक अधिकारी और जनप्रतिनिधियों ने भी उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।चौसा स्थित रानी घाट पर सेना की परंपरा के अनुसार उनका अंतिम संस्कार किया गया।

मौके पर जिलाधिकारी डॉ. विद्यानंद सिंह, पुलिस अधीक्षक शुभम आर्य समेत कई अधिकारी मौजूद रहे। गार्ड ऑफ ऑनर के साथ शहीद को अंतिम विदाई दी गई। शहीद सुनील की पत्नी ने कहा, “हमें गर्व है कि मेरे पति ने देश के लिए हंसते-हंसते जान दे दी। मैं चाहती हूं कि उनकी शहादत को लोग हमेशा याद रखें। गांव में एक शहीद गेट बने और सरकार उन्हें आधिकारिक ‘शहीद’ का दर्जा दे।”

बताते चलें कि 9 मई की रात ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान की ओर से किए गए ड्रोन हमले में हवलदार सुनील सिंह गंभीर रूप से घायल हो गए थे। उन्हें तुरंत सेना के अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां इलाज के दौरान 6 जून को उन्होंने अंतिम सांस ली। वे लंबे समय से भारतीय सेना में कार्यरत थे और अपने कर्तव्य को सर्वोपरि मानते थे।