‌‌‌क्या आपने देखा है कभी पुलिस की ठेला-ठेली

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बक्सर खबर। ठेला-ठेली का तात्पर्य इधर का माल उधर करने से हैं। इस लिए आप खबर को आनंद के साथ पढ़ सकते हैं। तुर्रा यह कि आज शनिवार को एक शव सोन कैनाल चौसा में देखा गया। ईलाका राजपुर थाना का था। इन दिनों नहर में पानी लबालब है। वहीं कहीं से बहकर ही आया था। देखने से यह अनुमान लगाया जा सकता था कि शव कम से कम एक या दो दिन पुराना था। चमड़ा जगह-जगह से हट गया था। औधे मुंह होने के कारण चेहरा दिख नहीं रहा था।

इसकी सूचना जब स्थानीय स्थानीय चौकीदार को लगी तो उसने लाठी ली और उसके पीछे पड़ गया। बभनी सरेंजा के रास्ते उसे मुफस्सिल थाने की सीमा तक पहुंचा आया। हांलाकि अभी भी वह दो थानों के बीच मौजूद है। अब खबर पर संजिदा हो जाने का वक्त है। क्योंकि पुरुष की पहचान कैसे होगी। अगर पुलिस ऐसा करेगी। यह नजारा देखने वालों ने बताया उसकी उम्र चालीस वर्ष से कम नहीं रही होगी। शव पानी में पड़े रहने के कारण फुल गया था। ऐसे कपड़े नहीं थे। जिसका जिक्र पहचान के तौर पर किया जा सके। वह कौन है, नहर में उसका शव कैसे आया ? यह सबकुछ पर्दे में है।

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  1. आपके लिये यह खबर आंनद के साथ छापने और पढ़ने के लिए होगी, आम लोगों के लिये यह खबर ये सोचने के लिए मजबूर करती है कि जिस आम आदमी और समाज के टैक्स के पैसे से पुलिस वालों को तनख्वाह मिलती है और उनके परिवार का पेट पलता है, उसी आम आदमी के मृत्यु के बाद इनकी घिनौनी हरकत को देखकर शर्म आती है। डर भी लगता है कि इस प्रबृत्ति को समय रहते नही रोक गया तो आने वाले समय मे ये हैवान प्रबृत्ति के लोग इस प्रकार की दुस्साहस आये दिन करते रहेंगे

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