बच्चे नहीं बड़े खेल रहे हैं आंबनबाड़ी का खेल

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बक्सर खबर : आंगनबाड़ी केन्द्र स्कूल पूर्व बच्चों को शिक्षा देने का मुख्य स्त्रोत है। यहां तक आने वाले बच्चों को बेहतर शिक्षा देने के लिए केन्द्रों को प्ले स्कूल के तर्ज पर विकसित करने की योजना है। बच्चों के लिए तरह-तरह के खिलौने एवं स्लेट आदि की व्यवस्था होनी है। इसका आवंटन वित्तीय वर्ष 2015  में ही जिले को प्राप्त हो गया था। मार्च समाप्ति से पहले आनन-फानन में टेंडर खोला गया। 48  लाख रुपये से खिलौने खरीदने की अनुमति दे दी गयी। सूचना यह है कि इसका भुगतान भी कर दिया गया। यह सबकुछ  हुए सवा महीने से अधिक का समय गुजर गया। अभी तक जिले के किसी भी आंगनबाड़ी केन्द्र तक बच्चों के लिए खिलौन नहीं पहुंचे। जिन रुपयों से बच्चों के लिए खिलौने आने थे। अभी तक उनसे संवेदक और अधिकारी ही खेल रहे हैं। इस संबंध में  जिला बाल विकास योजना पदाधिकारी सत्येन्द्र नारायण सिंह से बात करने का प्रयास किया गया। दो बार उनके फोन पर संपर्क घंटी गयी। पर जनाब से फोन नहीं उठाया। ऐसा नहीं कि इस टेंडर की जानकारी उनको नहीं है। जिस दिन निविदा खोली गयी थी। उसमें जनाब उपस्थित थे। डीडीसी मोबीन अली अंसारी की देखरेख में यह सबकुछ हुआ। समिति के सदस्य के तौर पर आंगनबाड़ी केन्द्रों की सीडीपीओ भी मौजूद थी। यह मामला सबके संज्ञान में है। बावजूद इसके इसमें हो रही देरी। प्रशासनिक भ्रष्टाचार को जग जाहिर करने वाली है।

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