इनसे मिलिए : आप है अशोक कुमार

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बक्सर खबर । आज हमारे साथ हैं युवा पत्रकार अशोक कुमार। बक्सर खबर ने अपने साप्ताहिक कालम इनसे मिलिए के लिए रविवार उनसे बात की। स्वभाव से सरल होने के कारण वे अपनों में प्रिय हैं। मुफस्सिल पत्रकारिता के क्षेत्र में काम करने का लंबा अनुभव इनके पास है। इस क्रम में बहुत से उतार चढ़ाव देख चुके अशोक यह मानते हैं। पत्रकारिता कठिन पेशा है। खबरों के पीछे भागना, सच पता करना और उसे छपने के बाद लोगों की प्रक्रिया को जानना सुखद और सीख परख भी। आइए एक नजर डालते हैं अशोक के पत्रकारिता तथा व्यक्तिगत जीवन पर –

दैनिक जागरण से शुरु हुआ सफर
बक्सर : अशोक बताते हैं वर्ष 2005 में मुझे केसठ प्रखंड से बतौर संवाददाता काम करने का मौका मिला। विनोद मिश्रा नावानगर के संवाददाता हैं। उन्होंने ने ही जागरण से जोड़ा। एक दो वर्ष काम करने के उपरांत कुछ समय के लिए जागरण छूटा। कुछ दिनों के बाद पुन: मैं उस अखबार से जुड़ गया। तब से लेकर आज तक पत्रकारिता का सफर चलता आ रहा है। लगभग तेरह वर्ष पूरे होने को हैं। हमने तो यही देखा और समझा है पत्रकारिता सामाजिक समक्ष और स्वयं के विकास का माध्यम है। ग्रामीण स्तर पर इससे ज्यादा कुछ मिलने वाला नहीं है।
व्यक्तिगत जीवन
बक्सर । अशोक का जन्म नावानगर प्रखंड के इटवाडीह गांव में हुआ है। पिता नंदकिशोर सिंह फौजी है। उन्हीं के घर 1 सितम्बर 1988 को दूसरे पुत्र के रुप में अशोक का आगमन हुआ। तीन भाई-बहनों में वे छोटे हैं। इनकी शादी वर्ष 2012 में हुई। समय बदला और वे स्वयं एक पुत्र और पुत्री के पिता हैं। इस बीच उन्होंने अपनी जीविका के लिए शिक्षा का पेशा भी अपना लिया है।

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