‌‌‌भारत की संस्कृति मानवता की प्रयोगशाला : डा. राकेश सिन्हा

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-डाक्टर स्वामीनाथ तिवारी की पुस्तक का हुआ विमोचन
बक्सर खबर। नगर भवन में आज रविवार को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता भारतीय संदर्भ में विषय व्याखान माला का आयोजन किया गया। जिसके मुख्य वक्ता रहे राज्यसभा सांसद डा राकेश सिन्हा रहे। वे संघ के मुख्य विचारक भी हैं। भोला शंकर बंधु की स्मृति में यह कार्यक्रम आयोजित किया गया था। डा सिन्हा ने अपने संबोधन में कहा कि हमारी संस्कृति तर्क आधारित है। हम तलवार के पक्षधर नहीं। लेकिन, जबवा दोनों का देना जानते हैं।

क्योंकि हमारी संस्कृति मानवतावादी है। भारत की संस्कृति एक प्रयोगशाला है। यहां सभी को आदर मिलता है। मानवता की इस प्रयोगशाला को बचाना हमारी चुनौती है। यहां विचारों के आदान-प्रदान की परंपरा रही है। यहां विचारों की चौकीदारी नहीं होती। जहां ऐसा होता है, वहां की सभ्यता रसातल में चली जाती है। उन्होंने कहा विचारों की अभिव्यक्ति सार्थक होनी चाहिए। हम यह कहने के लिए स्वतंत्र हैं हम भी, लेकिन मैं ही कहना सार्थक नहीं। इस दौरान प्रांत प्रचारक राणा प्रताप, मोहन राय आदि ने अपनी बातें रखी। विषय प्रवेश राजेन्द्र प्रसाद ने किया।
नागरिकता विधेयक के विरोध में नवफासिवाद पुस्तक का विमोचन
बक्सर खबर। पूर्व विधायक डाक्टर स्वामीनाथ तिवारी द्वारा लिखित पुस्तक नागरिकता के विरोध में नवफासिवाद , का विमोचन किया गया। इस दौरान डाक्टर सिन्हा ने कहा कि दिल्ली से सैकड़ों किलोमीटर दूर रहकर भी इतना सक्रिय हस्तक्षेप अभिनंदन के योग्य है। मैं डा तिवारी का विशेष अभिनंदन करता हूं। सभी ने उनकी पुस्तक की प्रशंसा की। कार्यक्रम के दौरान संचालन संयोजक राजेश सिन्हा व धन्यवाद ज्ञापन विमल कुमार सिंह ने किया। इस दौरान रामवकील राय, राजेश प्रताप, चन्दन प्रकाश, डा रमेश कुमार, प्रदीप पाठक, रतना मिश्रा, सरिता बंधु, दीप नरायण राय, मुन्ना केशरी, ओमरतन, नंदजी वर्मा, विवेक सिंह, सत्येन्द्र कुंवर, पवन नंदन केशरी, अतुल मोहन, राधा कृष्ण सिंह, त्रिभुवन पांडेय, रविरंजन पासवान, जगदीश चन्द्र पांडेय, भरत चौबे, महेश दत्त सिंह, अनीता यादव, पूर्व विधायक सुखदा पांडेय, मनीष कुमार समेत अनेक प्रबुद्ध जन शामिल हुए।

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