गुरु पूजन के लिए संतों के आश्रम पर जुटे शिष्य

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– पूज्य त्रिदंडी स्वामी, मामा जी एवं लक्ष्मी नारायण मंदिर हुए गुलजार
बक्सर खबर। गुरु पूर्णिमा अर्थात संस्कार व शिक्षा की सीख का दिन। यह तिथि अपने जिले में सोमवार को हर जगह उत्साह पूर्वक मनाई गई। लोगों ने अपने-अपने गुरु को प्रणाम किया और उनका पूजन भी। सर्वाधिक चहल-पहल शहर के त्रिदंडी स्वामी समाधी स्थल, लक्ष्मी नारायण मंदिर, सीता राम विवाह आश्रम व कमरपुर के आश्रमों पर दिखी। हालांकि इस दौरान बसांव मठ व अहिरौली मठ में भी शिष्य अपने गुरुजनों के दर्शन के लिए पहुंचे। भारतीय संस्कृति में आज की यह तिथि गुरू-शिष्य के संबंध को और उसके स्नेह को दर्शाती है।

लोगों का स्नेह उस समय देखते बन रहा था। जब नाथ आश्रम में स्थित नाथ बाबा की समाधि के और पूज्य त्रिदंडी स्वामी जी की समाधि पर दूर-दूर से शिष्य पहुंचे थे। अर्थात यह परंपरा सिर्फ शरीर धारी गुरुओं तक ही सीमित नहीं है। इसका प्रसार बहुत दूर तक है। पत्रकार साथी नीतीश ने बताया कि सदर प्रखंड में स्थित श्री हनुमत धाम मंदिर प्रांगण में गुरु पूर्णिमा महोत्सव मनाया गया। शिष्यों ने श्री गुरु वंदन कर गुरु पूजन किया। यहां साकेत वासी परम पूज्य नेहनिधि सिया अनुज श्रीमन्नारायण दास जी भक्तमाली उपाख्य श्री मामा जी महाराज, बक्सर वाले के प्रथम शिष्य श्री रामचरित्र दास जी महाराज उपाख्य श्री महात्मा जी ने पूजन किया।

पूज्य त्रिदंडी स्वामी जी की प्रतिमा

साथ ही व्यास पूर्णिमा के पुनीत अवसर पर गुरु और शिष्य की महिमा का बखान करते हुए कहा कि गुरु और शिष्य की महिमा बहुत ही निराली एवं सुखदायक होती है। वहीं लक्ष्मीनारायण मंदिर चरित्रवन में भी अष्टम पीठाधीश्वर श्री स्वामी राजगोपालाचार्य जी महाराज त्यागी स्वामी जी महाराज ने अपने गुरु का पूजन किया। साथ ही मंदिर पहुंचे उनके शिष्यों ने भी उनके दर्शन पूजन किए। इस दौरान महाप्रसाद का वितरण भी किया गया। वहीं पूज्य त्रिदंडी स्वामी जी के समाधि स्थल पर महंत अयोध्यानाथ स्वामी ने पादुका पूजन किया।

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