कोरोना मरीजों से उचित नहीं भेदभाव

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-रेडक्रास के अध्यक्ष एके सिंह भी हुए थे संक्रमित
बक्सर खबर। कोरोनकाल में संक्रमण का प्रभाव लगातार बढ़ा है। लेकिन, कई लोग सतर्कता, सुरक्षा व सकारात्मक सोच अपनाकर संक्रमण को मात दे रहे हैं। इन्हीं में से एक कोरोना योद्धा हैं रेड क्रास के चैयरमैन डॉ. ए के सिंह। जो पेशे से दंत चिकित्सक व मां शिवरात्रि अस्पताल के संस्थापक भी हैं। कोरोनकाल में लोगों की सहायता व इलाज करने के दौरान वह संक्रमित हो गए। लेकिन भयभीत न होकर दृढ़ इच्छाशक्ति के साथ उन्होंने स्वयं को होम आइसोलेट किया।

नियमों का पालन करते हुए स्वास्थ्य विभाग के द्वारा दी जा रही मेडिकल किट की दवाओं का सेवन किया। आईसोलशन अवधि के दौरान खुद को स्वस्थ रखने के लिए व्यायाम और योग का सहारा लिया। धीरे-धीरे वह संक्रमण से उबरे और अपने काम पर लौटे। उन्हें ठीक हुए दो माह से अधिक हो चुका है। अब इनकी पूरी दिनचर्या और जीवनशैली सामान्य हो चुकी है। ठीक होने के बाद डॉ. सिंह कोरोना के मरीजों व उनके परिजनों का हौसला बढ़ाते हैं।

जानकारी के अभाव में भय के कारण लोग बना लेते हैं दूरी
बक्सर खबर। डॉ. ए के सिंह ने बताया किसी के कोरोना संक्रमित होने के बाद जागरूकता के अभाव में समाज के लोग व रिश्तेदार दूरी बनाते हुए भेदभाव करते हैं। उन्हें इस बात का डर रहता है कि यह बीमारी आपके द्वारा उनको भी मिल जाएगी। जिसके कारण मरीज में में नकारात्मक भाव पैदा होते हैं। मरीजों को संक्रमण से उबरने में समस्या व देरी होती हैं। स्वस्थ हो जाने पर भी मरीज मानसिक तौर पर कमजोर हो जाता है। इस समय परिवार और समाज का सहयोग किसी संजीवनी का काम करता है।

बदलनी होगी आदत, सिविल सर्जन
बक्सर खबर। सिविल सर्जन डॉ. जितेन्द्र नाथ कहते हैं। कोरोना के खिलाफ इस जंग में हम सबकी जिम्मेदारी बनती है। हम अपने और दूसरों की सुरक्षा का ध्यान रखें। वायरस के साथ अब जीना सीखना होगा। परिवार व समाज में अपने साथ-साथ दूसरों का भी ख्याल रखना होगा। इसके लिए सभी को सुरक्षा के लिए बनाये गये नियमों का पालन जरूरी है। संक्रमण के खतरे को कम करने के लिए छह फीट की शारीरिक दूरी का पूरा ध्यान रखें। अगर आप घर से बाहर किसी कारणवश निकल रहे हैं तो तीन लेयर वाला मास्क लगाकर निकले तथा सेनेटाइजर का समय समय पर इस्तेमाल अवश्य करें।

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