‌‌‌क्षमा की धरती है बक्सर : मोरारी बापू

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बक्सर खबर। बक्सर एक ऐसा आश्रम है। जहां की भूमि में क्षमा करने की संस्कृति है। राष्ट्रीय संत मोरारी बापू ने यह बातें अपनी कथा के दौरान बक्सर में कहीं। अहल्या पर केन्द्रीत अपने मानस प्रवचन में वे लगातार एक विषय पर केन्द्रीत हैं। यह उनकी कथा की विशेषता है। जो एक विषय पर इतनी लंबी व्याख्या दे सकते हैं। बापू ने मनुष्य को क्षमा के उस मंत्र के प्रति जागृत किया। जिससे परिवार और समाज में प्रेम उपजाया जा सकता है।

कथा कहते-कहते उन्होंने अपने अंदाज में कहा इस कदर मैंने जिंदगी में समझौता कर लिया, किसी से माफी मांग ली किसी को माफ कर दिया। देवी अहल्या का अपराध नहीं था। उन्हें एक ने छल लिया। दूसरे ने श्राप दे दिया। लेकिन, उन्होंने सबको क्षमा कर दिया। इस महानता के कारण ही उन्हें भगवान की चरण रज प्राप्त हुई। जिसका सौभाग्य किसी-किसी को मिलता है।
अयोध्या मंदिर बने तो बने अलौकीक बने
बक्सर खबर। बापू ने अपनी कथा के दौरान कहा। अयोध्या में मंदिर बनेगा। प्रभु का मंदिर बनने जा रहा है। तो ऐसा बने की दुनिया में अनोखा हो। आखिर प्रभु का मंदिर है। अब उनका भव्य नहीं होगा। तो किसका होगा। उन्होंने कहा मेरी तो इच्छा है। वहां भव्य मंदिर बने।
दोष दुख देता है, दूर रहकर भी परेशान करता है
बक्सर खबर। अपनी कथा के दौरान बापू ने आज सोमवार को कहा कि दोष ही दुख का कारण है। वह दूर रहता है। लेकिन, अक्सर दुख देता रहता है। इस लिए दोष ही दुख का कारण है।

प्रभु का प्रसाद जरुर ग्रहण करें
बक्सर खबर। बापू ने कथा के दौरान कहा। प्रभु का प्रसाद मिल रहा हो तो डरे नहीं। उसे जरुर ग्रहण करें। शरीर जितना मांगे, उतना अन्न ग्रहण करें। डाक्टर की बातों से नहीं डरे। यह जरूर ध्यान रखें। शरीर जो मांगे वही ग्रहण करें।

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