शहरी नदी प्रबंधन योजना के तहत नदी संरक्षण के लिए हुई अहम बैठक बक्सर खबर। गंगा नदी के संरक्षण और शहर के सतत विकास की दिशा में एक नई पहल की शुरुआत हुई है। बुधवार को नगर परिषद कार्यालय में शहरी नदी प्रबंधन योजना के तहत पहली बहु-हितधारक कार्य समूह बैठक आयोजित की गई। यह योजना नमामि गंगे कार्यक्रम के अंतर्गत नेशनल मिशन फॉर क्लीन गंगा और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ अर्बन अफेयर्स द्वारा चलाई जा रही देशव्यापी योजना का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य देश के 60 प्रमुख नदी शहरों में नदी-संवेदनशील विकास को बढ़ावा देना है।
बैठक में शहर के लिए ऐसी योजना तैयार करने पर जोर दिया गया जो गंगा नदी के स्वास्थ्य को प्राथमिकता देती हो। चर्चा में बाढ़ संभावित क्षेत्रों में गतिविधियों का नियंत्रण, जल निकायों और आर्द्रभूमियों का पुनर्जीवन,अपशिष्ट जल प्रबंधन में सुधार, नदी तटों पर पारिस्थितिकीय सुरक्षा कवच की स्थापना और विभागीय समन्वय पर जोर दिया गया।इस बैठक को एक सकारात्मक शुरुआत मानते हुए, हितधारकों ने गंगा नदी के किनारे भूमि उपयोग, प्रदूषण नियंत्रण और जनसहभागिता जैसे विषयों पर अपने विचार रखे। बैठक में सहमति बनी कि यूआरएमपी बक्सर शहर के लिए न केवल एक विकास योजनाओं का दस्तावेज होगा, बल्कि यह एक ऐसा रोड मैप बनेगा जो नदी, पर्यावरण और नागरिकों के जीवन के बीच संतुलन बनाए रखेगा।

बैठक की अध्यक्षता मनीष कुमार कार्यपालक पदाधिकारी अतिरिक्त प्रभार ने की। इस अवसर पर विभिन्न विभागों के अंचलाधिकारी प्रशांत शांडिल्य, नगर परिषद प्रतिनिधि रवि कुमार सिंह, सिटी मैनेजर नीरज झा, लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग और वन विभाग के प्रतिनिधियों ने सुझाव साझा किया। बैठक में योजना से जुड़े विशेषज्ञों और सहयोगी संस्थाओं के प्रतिनिधियों ने भी भाग लिया। एनआईयूए से राहुल सचदेवा और कनिका बंसल, आईसीएफ से हृदयल दमानी, अनूशा मिश्रा और श्रिया ठाकुर ने यूआरएमपी की रूपरेखा और संभावनाओं पर प्रस्तुति दी। ऑल इंडिया इंस्टिट्यूट ऑफ लोकल सेल्फ गवर्नेंस और आईसीएफ कंसलटिंग बिहार के छह शहरों के लिए यूआरएमपी तैयार करने में सहयोग कर रहे हैं, जिनमें बक्सर भी शामिल है।