क्यों लगाई तौकिर ने फांसी, बंद था वेतन

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बक्सर खबर : जिला भू अर्जन पदाधिकारी तौकिर अकरम ने किन कारणों से आत्महत्या की। अभी तक इसका खुलासा नहीं हुआ है। कमरे से पुलिस ने हैंड नोट बरामद किया है। जिसमें महज इतना ही लिखा है। मैं स्वयं अपनी आत्महत्या कर रहा हूं। कोई इसके लिए जिम्मेवार नहीं है। पुलिस के अनुसार उनके पिता ने बताया सुबह साढ़े चार बजे मैं जगा। तो बेड पर बेटे को नहीं देखा। कमरा अंदर से बंद था। मैने सोचा वह नमाज पढ़ रहा होगा। लेकिन आठ बजे तक वह बाहर नहीं आया तो अंदर झांक कर देखा। वह पंखे से झूल रहा था।

वहीं मां ने बताया पिछले कुछ वर्षों से वेतन बंद था। मुझे 24 हजार रुपये वेतन मिलता है। जिससे किसी तरह काम चल रहा था। बक्सर में पिछले तीन साल से तैनात था। तबादले के लिए भी बार-बार प्रयास कर रहा था। लेकिन बड़े अधिकारी 8 से दस लाख रुपये मांग रहे थे। हम कहां से देते। इन वजहों से मेरा बेटा परेशान था। वेतन कीन कारणों से बंद था। इसकी जानकारी नहीं मिल पाई है। सूत्रों ने बताया पूर्व के किसी मामले में वेतन बंद का आदेश जारी था।

फंदे पर लटके अकरम

5 COMMENTS

  1. Comment:He was an honest officer and my senior school mate…In the summer of 2015 i sent two coolers from my buxar home to his rented two room house at charitravan buxar as he was not getting his full salary…IS THIS THE REWARD OF HONESTY?

  2. नीतीश कुमार के राज्य में कई पदाधिकारी आत्महत्या कर चुके हैं इससे पहले भी बी. डी. ओ. और सी.ओ. ने भी आत्महत्या की
    सस्पेंड होने पर आधी वेतन दी जाती है परंतु पूर्व वेतन बंद करना यह शासकीय अपराध कैसे नहीं हो सकता है
    वेतन बंद करने वाली और जारी रखने वाली पर कार्रवाई क्यों नहीं किया जाए
    अगर गलती की तो निश्चित अवधि में उसका निराकरण भी होना चाहिए ऐसे के लिए अपराधी कौन है प्रधान शासक नीतीश कुमार कैसे नहीं है

  3. नाजायज के खिलाफ आन्दोलन बहुत जरूरी है
    रही सुशासन की बात एेसी सुशासन हमारे पूर्वज भी नहीं देखें होगें

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