कुर्सी की जंग में शुरु हुआ अपहरण का खेल

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बक्‍सर खबर : प्रमुख चुनाव का डेट अभी तय नहीं हुआ है। न ही चुनाव जीत कर आए लोगों को शपथ दिलाने की तिथि ही तय हुई है। बावजूद इसके चुनावी गणित शुरु हो गया है। प्रमुख का चुनाव लड़ने वाले से लेकर जिला परिषद अध्‍यक्ष का चुनाव लड़ने वाले तक अपनी गोटी सेंकने में जुट गए हैं। इस बीच बीडीसी सदस्‍यों के राजनीतिक अपहरण का खेल शुरु हो गया है। ताजा माला चौसा प्रखंड से सामने आया है। वहां एक पक्ष ने बनारपुर की महिला बीडीसी को अपने कब्‍जे में ले रखा है। दूसरे ने उसके पति को उठा लिया है। एक ही वोट के लिए परिवार के दो-दो सदस्‍यों का अपहरण राजनीति दुर्दशा का कहानी बयां कर रहा है। डुमरांव से हमारे चौगाई प्रतिनिधि के अनुसार

प्रखंड में कुल सात पंचायत समिति सदस्‍यों वाली प्रमुख की कुर्सी के लिए सिर्फ चार बीडीसी का बहुमत होनाा चाहिए । क्रमश: खेवली, मुरार, चौगाईं नचाप एवं मसर्हियां पंचायतों का मतगणना कराया गया । जैसे जैसे सदस्‍यों के जीतने की प्रक्रिया शुरू हुई कि प्रमुख पद के दावेदारों द्वारा पंचायत समिति सदस्‍यों से सम्‍पर्क साधने का दौर शुरू हुआ । जानकार सूत्रों की माने तो प्रखंड प्रमुख की कुर्सी हथियाने के लिए सदस्‍यों का मोल-तोल भी चल रहा है । पिछले तीन-चार दिन पहले से ही कुछ सदस्‍य भूमिगत भी हो गये है । इसको लेकर अन्‍य दावेदारों की वेचैनी बढ गई है । सनद रहे कि पिछले पन्‍द्रह वर्षो में अल्‍पावधि तक सिर्फ मुरार गांव की दलित महिला को प्रमुख की कुर्सी मिली है अन्‍यथा प्रखंड प्रमुख का पद स्‍थानीय गांव में ही रहा है । इस बार भी चौगाईं गांव के ही दो प्रबल दावेदारों में अपना बहुमत सिद्ध करने के लिए ऐडी-चोटी का पसीना एक किया जा रहा है । जानकार सूत्रों की माने तो इस खेल में कुछ दलाल प्रवृति के लोग भी लगे हुए जो बहुमत सिद्ध कराने का दावा करते फिर रहे है

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