एक सच यह भी : नल-जल के दौर में पेयजल की लाइन

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-2018 में ही शुरू हुआ था काम, गांव में लगी है टंकी
बक्सर खबर। तस्वीर बता रही है। लोग पानी के लिए परेशान हैं। लॉकडाउन लगा है। इस लिए सोशल डिस्टेसिंग का भी ध्यान रखना है। मौसम गर्मी का है, इस लिए पानी भी उतना ही जरुरी है। ग्रामीणों का कहना है, इस तरफ हाकिमों का ध्यान नहीं जा रहा। हम लोग लंबे समय से परेशान हैं। डुमरांव प्रखंड के अटांव पंचायत का यह गांव एकौनी घनी आबादी वाला है। यहां के वार्ड नंबर 12, अर्थात दलित टोला में नल-जल का काम वर्ष 2018 में ही शुरू हुआ था।

गांव की पक्की गलियों को तोड़ दिया गया। आज भी वह वैसे की वैसी हैं। लोगों को ठोकर लगती है और चलन भी मुश्किल है। लेकिन, फिलहाल यहां के लोगों को पानी की चिंता सता रही है। इस वार्ड में दो चापाकल हैं। एक बहुत लंबे समय से खराब है। चलेगा अथवा नहीं। कोई भरोसा नहीं।  इलकौते चापाकल पर लगी कतार आप देख ही रहें हैं।

गांव में लगी पानी की टंकी

बक्सर खबर से इसकी शिकायत सुरेन्द्र पांडेय, पवन चौधरी, पप्पू कुमार, छोटक राम, सहाबू अंसारी, अजहर आदि ने की है।उनका कहना है, पंचायत के मुखिया से कह कर थक गए हैं। वे कहते हैं, जो आवंटन था वह संबंधित लोगों को दिया जा चुका है। ग्रामीणों ने यहां बने जलापूर्ति टैंक की तस्वीर भेजी है। भवन का रंग-रोगन चकाचक है। लेकिन, पानी की टंकी खाली है। फिलहाल वक्त दोषारोपण का नहीं है। यहां के लोगों को पेयजल उपलब्ध कराने का है। जिसका दावा प्रशासन और लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग करता है।

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